-स्वास्थ्य विभाग की टीम करेगी पूरे जिले के केन्द्रों की जांच
श्रीगंगानगर.
इलाके में भामाशाह स्वास्थ्य योजना में हुई गड़बड़ी मामले में अब सूरतगढ़ और रायसिंहनगर क्षेत्र भी जांच के दायरे में आ गया है। इन इलाकों में भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आए रोगियों को प्राइवेट नर्सिंग होम में शिफ्ट करने का अंदेशा सामने आया है। इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इन दोनों इलाके में स्वास्थ्य केन्द्रों से रोगियों को प्राइवेट हॉस्पिटल में भिजवाने वाले लपकों के बारे में जांच गुपचुप तरीके से शुरू हो चुकी है।
विभागीय जांच में उन रोगियों की सूची बनाई गई है जो पहले केन्द्र पर आए और वे वहां या जिला मुख्यालय रेफर करने के बजाय सीधे प्राइवेट हॉस्पिटल में उपचार कराने पहुंए गए थे। इस संबंध में सीएमएचओ डॉ.नरेश बंसल ने भी यह स्वीकारा है कि जिले में कुल बारह सीएचसी है, इसमें सूरतगढ़ और रायसिंहनगर एरिया में ऐसी गड़बड़ी से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके लिए उन्होंने भामाशाह स्वास्थ्य योजना के लाभाविंतों की सूची भी तैयार करवाई है। लाभान्वितों की सूची को स्वास्थ्य केन्द्रों में पंजीयन सूची से मिलान कराया जा रहा है। वहीं प्राइवेट नर्सिंग होम से उपचार करवा चुके रोगियों से जानकारी जुटाई जाएगी।
प्राइवेट पीआरओ बने मुख्य सूत्रधार
जिला मुख्यालय पर राजकीय जिला चिकित्सालय में जिन 2800 रोगियों के गायब होकर प्राइवेट चिकित्सालय में उपचार कराने के मामले की कर रही जांच टीम के समक्ष यह पहलू सामने आया है कि इलाके के कई प्राइवेट नर्सिंग होम ने अपने पीआरओ बना रखे हैं, इन पीआरओ का काम राजकीय जिला चिकित्सालय में कार्यरत उन चिकित्साकर्मियों से संपर्क बनाना था जिससे वे सीधे मरीजों को संबंधित प्राइवेट नर्सिग होम तक ला सके। ऐसे पीआरओ की सूची भी बनाई गई है, दो पीआरओ ऐसे भी है जो पिछले साल डिकॉय ऑपरेशन में गिरफ्तार भी हो चुके हैं।