डॉग स्पेशलिस्ट डॉ. गोपाल अग्रवाल का कहना है कि पंजाब में कुछ बड़े किसान व अन्य लोग सबसे खतरनाक एवं शिकारी डॉग पिटबुल पालने का शौक रखते हैं। इनको खेतों में रखवाली के लिए पाला जाता है। पंजाब की संस्कृति के असर के कारण ही श्रीगंगानगर जिले में भी श्रीकरणपुर, पदमपुर व रायसिंहनगर व शहर के आसपास कुछ लोगों ने पिटबुल नस्ल के कुत्ते पाल रखे हैं। जिले में इनकी संख्या करीब 40 बताई जा रही है।
इसलिए है खतरनाक
डॉक्टर बताते हैं कि इस नस्ल के कुत्तों के जबड़े बड़े मजबूत होते हैं। यह जानवारों पर हमला कर देता है और एक बार पकडऩे के बाद इससे छुड़ा पाना मुश्किल है। चिकित्सकों की राय है कि पिटबुल नहीं पाला जाए। यह कभी भी खतरनाक हो सकता है। कई देशों में पिटबुल डॉग पालने पर पाबंदी है।
पिटबुल की जगह ले रहे घोड़े
– नेहरू पार्क के समीप स्थित पेट शॉप के मालिक साहिल सेतिया ने बताया कि पंजाब में शौकीन लोग पिटबुल डॉग पालते हैं और जिले में भी लोगों ने यह पाल रखे हैं। पहले इनकी फाइट कराई जाती थी। पंजाब में इनकी बिक्री नहीं हो रही।
तब डॉग शो में पहुंचे थे पिटबुल
– बीकानेर में कुछ समय पहले हुए डॉग शो में हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिले तथा पंजाब इलाके से पचास-साठ पिटबुल डॉग्स पहुंचे थे। जहां पिटबुल डॉग्स को शो में शामिल नहीं किया गया था। इनकी फाइट कराई जाती है और जो कई बार जीतता है, उसकी रेट भी उसी हिसाब से ज्यादा होते हैं।
– जिले में अब तकरीबन 150 पिटबुल डॉग्स हो सकते हैं। कुछ साल पहले इनकी संख्या अधिक थी। अब जो हैं, वे ज्यादातर ग्रामीण इलाके में फार्म हाउस या खेतों में है। अब पिटबुल के बजाय लोगों ने घोड़ों की तरफ ध्यान देना शुरू कर दिया है। पिछले दो साल में घोड़े रखने व उनकी ब्रिडिंग करने का क्रेज देखा जा रहा है।
डॉ. अरुण लीला, पशु चिकित्सा विभाग श्रीगंगानगर