scriptमुहरें गायब होने के पीछे कारण कुर्सी तो नहीं | The chair is not behind the disappearance of the seals | Patrika News
श्री गंगानगर

मुहरें गायब होने के पीछे कारण कुर्सी तो नहीं

कलक्ट्रेट की न्याय शाखा से गायब हुई मुहरें मिल गई हैं। लेकिन अब यह सवाल उठ रहा है

श्री गंगानगरMar 10, 2018 / 08:25 am

pawan uppal

SDM
श्रीगंगानगर.

कलक्ट्रेट की न्याय शाखा से गायब हुई मुहरें मिल गई हैं। लेकिन अब यह सवाल उठ रहा है कि न्याय शाखा से आखिरकार मुहरें किसने गायब की और इसके पीछे उसका क्या उद्देश्य था। कलक्ट्रेट परिसर में यह सवाल इन दिनों मंथन का विषय बना हुआ है। बाबू अपने-अपने हिसाब से इसका विश्लेषण कर रहे हैं और साथ ही यह टिप्पणी भी कर रहे हैं कि कलक्ट्रेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है और यह कर्मचारियों के लिए खतरनाक संकेत है।
न्याय शाखा से कई महत्वपूर्ण मुहरें लगभग तीन माह पहले गायब हो गई थी। ऐसी घटना पहली बार हुई थी सो हड़कम्प मचना स्वाभाविक था। जिला कलक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने भी मुहरें गायब होने को गंभीर माना। मुहरों का दुरुपयोग होने की आशंका के चलते न्याय शाखा के प्रभारी ने कलक्टर के आदेश पर कोतवाली में मुहरें चोरी होने का मामला दर्ज करवाया। इसमें अभी जांच चल रही है। कलक्टर के आदेश पर इस मामले की प्रशासनिक जांच भी हो रही है।

मामला फिर गर्माया
न्याय शाखा से गायब हुई मुहरों की पुलिस और प्रशासनिक जांच अभी चल ही रही थी कि गायब हुई मुहरें सप्ताह भर पहले न्याय शाखा के एक हिस्से मे बने स्टोर रूम में मिल गई। उल्लेखनीय है कि जब मुहरें गायब हुई थी तब न्याय शाखा के साथ-साथ स्टोर रूम के चप्पे-चप्पे को खंगाला गया था। लेकिन मुहरें कहीं पर भी नहीं मिली। अब मुहरें स्टोर रूम में मिली है तो शक की सुई कलक्ट्रेट के किसी कर्मचारी की तरफ ही जाती दिखती है। यहां यह बात स्पष्ट है कि जिसने न्याय शाखा से मुहरें गायब की थी उसी ने उन्हें स्टोर रूम तक पहुंचाया है। मुहरें गायब करने वाला अगर बाहर का व्यक्ति होता तो वह ऐसा कभी भी नहीं करता।

इसके पीछे उद्देश्य
मुहरें गायब करने के पीछे अगर कलक्ट्रेट के किसी कर्मचारी का हाथ और दिमाग है तो इसके पीछे उसका उद्देश्य या तो न्याय शाखा के मौजूदा कर्मचारियों को इस शाखा से निकालना रहा होगा या फिर उसकी नजर न्याय शाखा की कुर्सी पर रही होगी, जिसे हमेशा से ही कमाई वाली सीट माना जाता रहा है। कलक्ट्रेट का एकमात्र हथियार घोटाला इसी शाखा में हुआ था और तब आमजन को यह पता लगा कि हथियारों के लाइसेंस के नाम पर इस शाखा में कितनी बड़ी बंदरबांट होती रही। अब देखना यह है कि पुलिस और प्रशासनिक जांच में वह चेहरा सामने आता है या नहीं, जिसका कि मुहरें गायब करने में हाथ रहा है।
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