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श्रीगंगानगर जिले के सपना होगा साकार, बदलेगी काया

locationश्री गंगानगरPublished: Oct 25, 2021 11:52:15 pm

Submitted by:

surender ojha

The dream of Sriganganagar district will come true, the body will change- श्रीगंगानगर स्थापना दिवस आज: मेडिकल कॉलेज बनेगा हेल्थ का हब और फिर शुरू होगी हवाई यात्रा

श्रीगंगानगर जिले के सपना होगा साकार, बदलेगी काया

श्रीगंगानगर जिले के सपना होगा साकार, बदलेगी काया

श्रीगंगानगर. महाराजा गंगासिंह ने करीब 94 साल पहले जिस सपने को लेकर इलाके में गंगनहर का निमाज़्ण कराया था अब वह सपना साकार होने की तैयारी में है। महज एक दशक के बाद जब गंगानगर स्थापना दिवस के एक सौ चार साल पूरे होंगे तब यह इलाका हेल्थ का हब बन सकेगा। सरकारी मेडिकल कॉलेज का निमाज़्ण चल रहा है।
वहीं भारत माला के तहत जिला मुख्यालय को छूती हुई मुख्य सड़कें गुजरात तक जोडऩे की तैयारी है। हवाई यात्रा के लिए हवाई पट्टी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वहीं मौजूदा कलक्ट्रेट और कोटज़् बिल्डिंग को शिफ्ट कर पुरानी शुगर मिल की भूमि में मिनी सचिवालय और नई कोटज़् बिल्डिंग बन सकेगी।
इन दोनों भवनों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके साथ साथ हनुमानगढ, सूरतगढ और पदमपुर रोड का विस्तार किया जा सकेगा। श्रीगंगानगर के जिला कलक्टर जाकिर हुसैन का कहना है कि इलाके में अब तेजी से विकास और विस्तार हुआ है। यही रफ्तार रही तो अगले दस सालों में इलाके की काया बदल जाएगी।
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– सबसे पहले कलक्टर: जिले में सबसे पहले जिला कलक्टर एमजी दलेला थे। वे 22 सितम्बर 1949 को यहां कलक्टर बनकर आए थे। अब तक जिले के 72 सालों में 51 कलक्टर बदले जा चुके है।
– सबसे पहले पुलिस अधीक्षक: सबसे पहले पुलिस कप्तान एसएम खुराना थे जिन्होंने 14 अक्टूबर 1949 को पद भार संभाला था। देश की आजादी से लेकर अब तक 72 सालों में 51 पुलिस अधीक्षक बदले जा चुके है।
– सबसे पहले सैशन जज- राजवी रूप सिंह सबसे पहले जिला एवं सत्र न्यायाधीश थे। उन्होंने 1950 में यहां पद भार ग्रहण किया था। दूसरे सैशन जज राजवी अमर सिंह 28 जून 1950 ने कायज़्भार संभाला।
– सबसे पहले सभापति -जिला मुख्यालय पर शहर की राजनीति का केन्द्र नगर परिषद है। नगर परिषद में सबसे पहले सभापति सेठ नानक चंद थे। जिन्होंने 22 अक्टूबर 1948 से लेकर 3 फरवरी 1952 तक कायज़्काल में रहे।
– जब पहली बार आए राष्ट्रपति: प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिय़ा की आदमकद प्रतिमा और इलाके में पहली बार अनूठी हरियाली की फिजां दिखने वाले सुखाडिय़ा पाकज़् का लोकापज़्ण करने के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह 17 अगस्त 1983 को यहां आए थे। तब उन्होंने सुखाडिय़ा सकिज़्ल और सुखाडिय़ा पाकज़् का लोकापज़्ण किया था। तब विधायक और यूआईटी अध्यक्ष दोनों पदों पर राधेश्याम गंगानगर थे।
– तब भैँरोंसिंह ने अजमाया था भाग्य- श्रीगंगानगर विधानसभा चुनाव में वषज़् 1993 के दौरान पूवज़् मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति रहे चुके दिवंगत भैंरोसिंह शेखावत ऐसे पहले प्रत्याशी थे जिन्हेांने भाजपा की टिकट पर भाग्य अजमाया था। चुनाव के दौरान वे तब सीएम थे लेकिन वे जीत नहीं पाएं। इस चुनाव में विधायक राधेश्याम गंगानगर बने थे जबकि दूसरे स्थान पर जनता दल के सुरेन्द्र सिंह राठौड़ दूसरे और शेखावत तीसरे स्थान पर रहे।
– कई पीएम आ चुके है यहां- देश के कई प्रधानमंत्री यहां आ चुके है। पूवज़् प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, चन्द्रशेखर, चौधरी चरण सिंह चुनावी सभाओं में आए थे। लेकिन तत्कालीन पीएम वीपी नरसिम्हाराव जगदम्बा अंध विद्यालय की स्थापना के कायज़्क्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आए थे।
– दोनों फॉमेज़्ट में बने सभापति- जगदीश जांदू दोनों फॉमेज़्ट में नगर परिषद सभापति रह चुके है। 28 नवम्बर 199 से 27.11.2004 तक पाषज़्दों की वोटिंग से सभापति बनकर कायज़्काल पूरा किया। वहीं 26 नवम्बर 2009 को जनता की वोटिंग से सीधे सभापति बनकर अनूठा रिकॉडज़् बनाया।
– छात्र राजनीति से एक मात्र पद: कॉलेज छात्र संघ की राजनीति में अकेले महेश पेड़ीवाल एक मात्र ऐसे जनप्रतिनिधि है जिन्होंने नगर परिषद सभापति की कुसीज़् तक पहुंचे। अन्य छात्र संघ अध्यक्षों की राजनीति आगे नहीं बढ़ पाई।
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