श्री गंगानगर

पहले बारिश ने तोड़ी कमर, अब खाद-बीज के अभाव में बीत रहा बुवाई का समय

उपखंड क्षेत्र में दो दिन पहले हुई बरसात ने किसानों को कमर तोड़ दी है। खरीफ फसल से वंचित रह चुके किसानों ने आंदोलन के बाद मिले सिंचाई पानी से सरसों की बुवाई की ही थी। बुवाई के एक दो दिन बाद बेमौसम बरसात ने किसान के अरमानों पर पानी फेर दिया। किसानों ने कर्ज लेकर खाद व बीज का जुगाड़ किया था। किसी तरह खेत में बुवाई कर निश्ंिचत हो चुके किसानों को प्रकृति की मार ने कर्ज में डूबो दिया है।

श्री गंगानगरOct 27, 2021 / 02:11 am

yogesh tiiwari

पहले बारिश ने तोड़ी कमर, अब खाद-बीज के अभाव में बीत रहा बुवाई का समय

घड़साना (श्रीगंगानगर). उपखंड क्षेत्र में दो दिन पहले हुई बरसात ने किसानों को कमर तोड़ दी है। खरीफ फसल से वंचित रह चुके किसानों ने आंदोलन के बाद मिले सिंचाई पानी से सरसों की बुवाई की ही थी। बुवाई के एक दो दिन बाद बेमौसम बरसात ने किसान के अरमानों पर पानी फेर दिया। किसानों ने कर्ज लेकर खाद व बीज का जुगाड़ किया था। किसी तरह खेत में बुवाई कर निश्ंिचत हो चुके किसानों को प्रकृति की मार ने कर्ज में डूबो दिया है। दूसरी बार बुवाई करने के लिए किसानों के पास साधन भी कम है। किसानों को प्रति बीघा ढाई से तीन हजार रुपए का नुकसान हुआ है। अब दुबारा बुवाई के लिए उन्हें पसीना आ रहा है। किसान मंडियों में खाद, बीज और डीजल के लिए भटक रहे हैं। किसान को न तो अ‘छी किस्म का सरसों बीज मिल रहा है न ही खाद। एेसे में बुवाई का कीमती समय भी किसान के हाथों से निकलता जा रहा है।
चक 17 एमडी के किसान विनोद ढाका, डब्बर के नरेन्द्र मान, जालवाली के किसान कालूराम बिश्नोई आदि ने बताया कि पहले तो सिंचाई पानी के लिए किसान दस दिन सडक़ों पर रहे। पानी मिला तो सरसों की बुवाई का रास्ता साफ हुआ। नहरों में पानी मिलने पर किसानों को रबी फसल से कुछ उम्मीद थी। खरीफ फसल के अभाव में पहले से तंगहाल किसानों ने मंहगे दामों पर डीएपी, सुपर आदि खाद की लाइन में लग कर व्यवस्था की। अ‘छी किस्म का सरसों बीज 600 से 800 रुपए किलो खरीद कर ट्रैक्टर आदि से बुवाई की। बुवाई में डीजल का खर्च भी हुआ। अनेक समस्याओं से जूझ कर किसानों ने जैसे-तैसे बुवाई कर ली। इस बीच शनिवार देर रात तक हुई बरसात ने सरसों की बुवाई पर पानी फेर दिया।
‘सरसों की बुवाई करने के बाद प्राकृतिक आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी है। किसानों को दूसरी बुवाई के लिए खाद बीज, डीजल की व्यवस्था प्रशासन को करानी चाहिए। बरसात से कुरंड हुई सरसों बुवाई का किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के प्रयास करेंगे।’
-नछत्रसिंह रमाणा, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा घड़साना।
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‘दो दिन पहले हुई बरसात किसानों के लिए आफत थी। खेत में मूंग की काटी फसल भी खराब हो गई। वहीं नहरों में पानी चलने के कारण सरसों की बुवाई करने वाले किसानों को प्रति बीघा दो तीन हजार रुपए का नुकसान हुआ है। ’
-चन्द्रभान लेघा, व्यापार मंडल पूर्व अध्यक्ष, घड़साना।
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खाद बीज समस्या उत्पन्न हो रही है। पेट्रोल पम्प संचालकों की हड़ताल के कारण किसानों को फसल बुवाई के लिए डीजल भी नहीं मिल रहा है। इस संबंध में कांग्रेस संगठन के माध्यम से समस्या समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं।
-संजय पूनिया, जिला महासचिव, कांग्रेस कमेटी, श्रीगंगानगर
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