स्कूल में आरटीई के तहत एडमिशन क्यों नहीं मिल सकता। इन सवालों को लेकर उसके पिता राजेन्द्र जिला कलक्टर के पास पहुंचा और पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। कलक्टर ने उसे आश्वासन तो दिया है लेकिन गारंटी नहीं दी कि उसका एडमिशन होगा या नहीं।
दरअसल, इस बच्ची का नाम, उसकी मां का नाम और जन्मतिथि संयोग से कोटा में इसी नाम, उसकी मां और जन्म तिथि से मैच हो रही है, इस कारण आरटीई में ऑनलाइन आवेदन में अड़चन आने से एडमिशन नहीं हो रहा है।
मदनविहार निवासी पांच साल की बेटी दृष्टि की जन्मतिथि 28 फरवरी 2017 है। उसकी मां का नाम गीता है। इस बच्ची के पिता राजेन्द्र पुत्र मनीराम कुम्हार ने पिछले दिनों जब प्राइवेट स्कूल में एडमिशन आरटीई के माध्यम से कराने के लिए जब उसने ऑनलाइन आवेदन किया तो एकाएक प्रक्रिया अटक गई।
कई बार प्रयास किया तो आवेदन अपलोड नहीं हो पाया। शिक्षा विभाग में जाकर पता किया तो खुलासा हुआ कि कोटा में भी ऐसी बच्चे का नाम, उसकी मां, जन्मतिथि एक है, वहां की बच्ची का एडमिशन होने से यहां श्रीगंगानगर की बच्ची का आवेदन अपलोड नहीं हो रहा है।
अभिभावक संघ के अध्यक्ष बॉबी पहलवान ने बताया कि शिक्षा के अधिकार कानून में निशुल्क एडमिशन के लिए यह बच्ची पात्रता रखती है लेकिन ऑनलाइन सिस्टम में आधार कार्ड की संख्या की बजाय आवेदक का नाम और उसकी मां व जन्मतिथि को आधार मानकर अपलोड किया जा रहा है। शिक्षा विभाग की इस ऑनलाइन प्रक्रिया में बच्ची का एडमिशन तो दूर आवेदन पत्र ही अपलोड नहीं हो रहा है।
यदि यह बदलाव नहीं हुआ तो संगठन अपने स्तर पर आंदोलन करेगा। जरुरत पडी तो अदालत की चौखट पर जाएंगे।