SriGanganagar सरकार ने हर साल दिखाए मुंगेरीलाल के सपने
The government showed Mungerilal's dreams every year- धरातल पर नहीं उतरा मिनी सचिवालय, नई कोर्ट बिल्डिंग और कर भवन का निर्माण अटका
श्री गंगानगर
Updated: July 06, 2022 08:16:33 pm
श्रीगंगानगर. पुरानी शुगर मिल की करीब सवा सौ बीघा भूमि पर मिनी सचिवालय, वाणिज्यिक कर विभाग और आबकारी विभाग के लिए भवन और नए न्यायालय भवन का सपना आज भी अधूरा है। हर चुनाव में सरकारी ऑफिसों को एक ही छत के नीचे संचालित करने का सब्जबाग दिखाया गया लेकिन हर बार यह चुनावी मु्ददा बनकर रह गया है।
मिनी सचिवालय और वाणिज्यिकर भवन का एक साथ निर्माण कराने के लिए वर्ष 2018 में तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे ने शुगर मिल की भूमि पर शिलान्यास किया। उस समय यह दावा किया गया था कि वाणिज्यिक कर विभाग को किराये के भवन से छुटकारा मिलेगा और खुद का आलीशान भवन कामकाज के लिए मिलेगा।
एक ही छत के नीचे सरकारी कार्यालयों के संचालन के लिए मिनी सचिवालय के निर्माण की नींव रखी गई। दोनों भवनों के निर्माण का जिम्मा राजस्थान राज्य सडक़ विकास एवं निर्माण निगम को दिया गया।
पुरानी राजस्थान गंगानगर स्टेट शुगर मिल्स लिमिटेड की 128 बीघा भूमि में से 25 बीघा भूमि पर प्रदेश का पहला सात मंजिला मिनी सचिवालय बनना था। लेकिन चार साल से एक रुपए का बजट नहीं आया।
तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे ने वर्ष 2018 में शिलान्यास किया था। इसके निर्माण पर 175 करोड़ के बजट का प्रस्ताव तैयार किया गया था। निर्माण कार्य की एजेंसी आरएसआरडीसी को बनाया गया लेकिन राज्य सरकार ने बजट जारी नहीं किया।
मिनी सचिवालय की भूमि पर मलबे के ढेर लगने लगे हैं। लोगों ने वहां अपने निर्माणाधीन घरों और दुकानों का मलबा डालना शुरू कर दिया है। चार साल पहले जब इस भूमि पर शिलान्यास किया था तब यह भूमि समतल थी।
सात मंजिला के प्रस्तावित इस मिनी सचिवालय में छह लिफ्ट लगाने का खाका तैयार किया गया। पीडब्ल्यूडी और टाउन प्लानर की ओर से इस भवन का ले-आउट प्लान तैयार कर राज्य सरकार से स्वीकृत करवाया।
मिनी सचिवालय में जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, एडीएम प्रशासन, एडीएम सतर्कता, एसडीएम, समाज कल्याण, जल संसाधन, पेयजल, अनुसूचित जाति, जनजाति, कृषि, उद्यान, अपील राजस्व अधिकारी कार्यालय, रसद विभाग, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग, चुनाव शाखा, सांख्यिकी, रोजगार, श्रम, ग्रामीण विकास सहित विभिन्न विभागों के कार्यालय संचालित होने थे।
जिला मुख्यालय पर पुरानी शुगर मिल की 18 बीघा भूमि पर एक ही छत के नीचे एक साथ पन्द्रह अदालतों का संचालन करने के लिए न्याय भवन का शिलान्यास 11 अक्टूबर 2021 को राजस्थान उच्च न्यायालय के जस्टिस मनोज गर्ग और जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने किया था। तब यह दावा किया गया था कि इस भवन का निर्माण अगले साढ़े चार साल में पूरा कराया जाएगा।
इस भवन में अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर्स का प्रस्ताव भी शामिल किया गया। पहले करीब 68 अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर बनाने का सुझाव था। लेकिन बाद में इसकी संख्या एक सौ बीस कर दी गई। पिछले दिनों जस्टिस के दौरे पर बार संघ ने इसकी संख्या ढाई सौ करने की गुहार लगाई। राज्य सरकार की ओर से जिला मुख्यालय पर नई कोर्ट बिल्डिंग के निर्माण पर कुल 111 करोड़ 87 लाख रुपए का बजट खर्च होगा।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में साढ़े सात करोड़ रुपए, वर्ष 2022-2023 के लिए 30 करोड़ रुपए, वर्ष 2023-2024 के लिए 32 करोड़ रुपए, वर्ष 2024-2025 के लिए 42 करोड़ 37 लाख रुपए का बजट खर्च किया जाना है। लेकिन शिलान्यास के करीब आठ माह के बाद निर्माण शुरू करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।
इतना जरूर है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग ने नई कोर्ट बिल्डिंग की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए तारबंदी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब कोर्ट बिल्डिंग की नोडल एजेंसी पीडब्ल्यूडी की बजाय आरएसआरडीपी को बनाया गया है।
प्रदेश में सरकार बदली तो इस प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग गए। हालांकि कर भवन के लिए 13 करोड़ रुपए आए भी। लेकिन शेष बजट अभी अटका हुआ है। मिनी सचिवालय के लिए बजट अब तक जारी नहीं हो पाया है। न्याय भवन का शिलान्यास पिछले साल राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज गर्ग ने किया था। यह प्रोजेक्ट अब सार्वजनिक निर्माण विभाग से राजस्थान राज्य सडक़ विकास एवं निर्माण निगम के सुपुर्द कर दिया गया है।
पुरानी शुगर मिल की भूमि पर वाणिज्यिक कर और आबकारी विभाग के लिए आठ मंजिला भवन का निर्माण पचास फीसदी हो चुका है। पूरा काम कराने के लिए बकाया भुगतान की प्रक्रिया अटक गई है।

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