धर्मशाला का सदुपयोग होना चाहिए—चिकित्सालय में लीला धर्मशाला के आस-पास अतिक्रमण पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने कहा कि राजकीय चिकित्सालय में निर्मित एक करोड़ रुपए की धर्मशाला भवन व नर्सिंंग छात्रावास का सदुउपयोग होना चाहिए। जब मेडिकल कॉलेज का निर्माण होगा,तब रोगियों की संख्या बढ़ेगी तो धर्मशाला आम रोगियो के लिए उपलब्ध करवाई जा सकेगी। नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र को भी नये भवन में स्थानान्तरित करने के लिए आगामी मंगलवार तक रिपोर्ट देनी होगी।
अब खाना फेंकने पर लगेगा जुर्माना–चिकित्सालय में बचा हुआ खाना फेंकने पर जुर्माने का प्रावधान किया जाएगा । आरएमआरएस में एक मैनेजर रखने का निर्णय लिया गया। इनके लिए 6 माह के लिए एक बार रखना तय किया गया। कार्य संतोष जनक होने पर छह माह के लिए अवधि बढ़ाई जा सकेगी।
लेजर मशीन के लिए प्रस्ताव बनाया जाए–चिकित्सालय में दो ऑपरेशन टेबल,आंखों के लिए लेजर मशीन उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव तैयार करवाए जाए । चिकित्सालय में चिकित्सकों को लाने व ले जाने के लिए दो वाहन अनुबंध पर रखने पर चर्चा करने के बाद इसके लिए निविदा आमंत्रित कर रखने का निर्णय किया गया।
रोगियों को बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए–गंगानगर विधायक राजकुमार गौड़ ने कहा कि जिला चिकित्सालय में आने वाले रोगियों को अच्छी सेवाएं मिलनी चाहिए। जिले के दूर-दराज से गरीब लोग जिला चिकित्सालय पहुंचते हैं,उन्हें दवाएं व उपचार तथा अच्छा माहौल देना हमारी जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में जिन उपकरणों की आवश्यकता है, वे क्रय किए जाएं। गौड़ ने कहा कि आगामी 6 माह में श्रीगंगानगर शहर में 38 करोड़ रुपए की राशि से सडक़ों,नालियों व अन्य विकास कार्य करवाए जाएंगे।