उनसे पूछा गया तो चौंकाने वाला जवाब मिला। सभापति का कहना था कि उन्हें पता ही नहीं कि रैली किस विभाग ने निकाली है और उन्हें किसी ने आमंत्रित भी नहीं किया है। वहीं आयुक्त का कहना था कि उन्होंने सभी को सूचना दे दी थी। रैली में उप सभापति अजय दावड़ा सहित कुछ पार्षद भी शामिल रहे, वहीं सभापति की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही। कलक्टर ने दुकानदारों को दिए फूल जागरुकता रैली को सुबह 10 बजे महाराजा गंगासिंह चौक से जिला कलक्टर ज्ञानाराम ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। वे स्वयं अधिकारियों के साथ शहर के मुख्य मार्गों से निकली रैली में शामिल हुए।
कलक्टर ने शहर के मुख्य मार्गों पर दुकानदारों के प्रतिष्ठान के बाहर कचरा देखकर कलक्टर ने उनसे कचरा खुले में नहीं डालने का आग्रह किया। दुकानदारों को फ ूल देकर उन्हें स्वच्छता में सहयोग करने की अपील की गई। कलक्टर ने एक-एक दुकानदार से मिलकर उन्हें कचरा पात्र रखने तथा कचरा खुले में नहीं जलाने का आग्रह किया। दुकानदारों ने आश्वस्त किया कि वे भविष्य में खुले में कचरा नहीं डालेंगे और न ही जलाएंगे। रैली गंगासिंह चौक से रवाना होकर रेलवे स्टेशन रोड होते हुए गांधी चौक,भीमराव अंबेडकर चौक से होते हुए मोटर मार्केट, कोतवाली रोड़, कपड़ा मार्केट होते हुए वापिस गंगासिंह चौक पर समाप्त हुई।
इनकी रही भागीदारी रैली में एडीएम प्रशासन नख्तदान बारहठ, एडीएम शहर वीरेन्द्र कुमार वर्मा,नगर परिषद आयुक्त सुनीता चौधरी, सीओ सिटी तुलसीदास पुरोहित,यूआईटी सचिव कैलाशचंद शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक तेजा सिंह, सीएमएचओ डॉ.नरेश बंसल सहायक निदेशक महिला अधिकारिता विभाग विजय कुमार के अलावा युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। चार को आ सकता है दल नगर परिषद आयुक्त सुनीता चौधरी ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के दौरान 4 जनवरी को केन्द्रीय दल के श्रीगंगानगर पहुंचने की संभावना है। इसलिए स्थानीय निकायों को स्वच्छता पर अधिक ध्यान देने के लिए पाबंद किया गया है।
इनका कहना है मुझे किसी ने नहीं बुलाया मुझे रैली के लिए किसी ने बुलाया ही नहीं। रैली जिला कलक्टर ने निकाली या नगर परिषद ने, मुझे कोई सूचना नहीं दी गई।अजय चाण्डक, सभापति, नगर परिषद सभी को दी गई थी सूचना स्वच्छता जागरुकता रैली के संबंध में सभी को पूव सूचना दे दी गई थी। -सुनीता चौधरी, आयुक्त, नगर परिषद
सालभर सोते रहे, तारीख आई तो आई जाग श्रीगंगानगर। नगर परिषद प्रशासन स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने के लिए उस समय जतन कर रहा है जब केंद्रीय सर्वेक्षण दल के गंगानगर आने में गिनती के ही दिन शेष हैं। हालांकि परिषद प्रशासन के पास लगभग एक साल का समय था, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और महकमे के दो प्रमुख पदाधिकारियों में आए दिन टकराव के कारण एक साल में भी शहर की सूरत कुछ खास नहीं बदल सकी।
हालांकि कुछ दिन पहले शुरू किए गए स्वच्छता अभियान का असर शहर में दिखने लगा है, लेकिन समय रहते तैयारियां की जाती तो परिषद प्रशासन पर आज इतना प्रेशर नहीं पड़ता। वर्ष 2017 में श्रीगंगानगर 359 नंबर पर रहा था, इस बार रैंक में गिरावट आती है या बढ़त मिलेगी, यह तो भविष्य के गर्भ में है। सभी वार्ड करने थे ओडीएफ यह है हकीकत: शहर में 50 वार्ड हैं और सभी वार्ड अभी तक खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) नहीं हुए हैं। 2580 शौचालयों का निर्माण कर फोटो अपलोड की गई है।
शौच के लिए लोग अभी भी खुले में जाते हैं। कागजों में पूरा शहर ओडीफ है, जबकि पार्षद कमला बिश्नोई ने अभी तक वार्ड ओडीएफ होने का लिखकर नहीं दिया है। 5 से 6 हजार होने थे डाउनलोड यह है हकीकत: नगर परिषद आयुक्त का कहना है कि एक हजार लोगों ने स्वच्छता एप डाउनलोड किया है, जो कम है। एप के जरिए शिकायतें दर्ज करवाई जा रही हैं। समस्या का निस्तारण होने के बाद शिकायतकर्ता की ओर से एप के जरिए जवाब मिलने पर ही परिषद को नंबर मिलेंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। बाजार क्षेत्र में सफाई यह है हकीकत: नगर परिषद बाजारों में रात्रि को सफाई करवा रही है, लेकिन यह कार्य कुछ दिन पहले ही शुरू किया है