समिति अध्यक्ष एसडीएम लूणिया ने कहा कि सरकारी स्कूलों में कुछ संसाधनों की कमी जरूर है लेकिन सकारात्मक सोच और दृढ़ इच्छा शक्ति से बदलाव संभव है। उन्होंने स्कूलों में बंद पड़ी कम्प्यूटर लैब को शुरू करने, नवाचार अपनाकर उत्तम शैक्षिक वातावरण बनाने, पीइइओ को अपने अधीनस्थ स्कूलों का नियमित पर्यवेक्षण कर खामियां सुधारने के साथ स्कूलों में पड़े नकारा व अनुपयोगी सामान का जल्द से जल्द निस्तारण करने की बात कही। बीडीओ भीकाराम चौधरी ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ सहशैक्षिक गतिविधियों का संचालन भी अनिवार्य बताया। उन्होंने स्कूलों में बीएडीपी व ग्राम पंचायत से होने वाले विकास कार्यों की जानकारी दी।
समय पर पूरा करें दायित्व…
सीबीइओ सुरेन्द्र अरोड़ा ने कहा कि स्कूल के प्रति जो भी दायित्व हैं उन्हें समयबद्ध तरीके से पूरा करने की बात कही। उन्होंने तय तिथि तक स्कूलों में किचन गार्डन बनाने, पीडी खाते के बिल 20 से 25 तारीख के मध्य जमा कराने, नए विषयों के प्रस्ताव भेजने, वार्षिकोत्सव की रिपोर्ट ऑनलाइन करने व यू-डाइस प्रविष्टियां जल्द पूरी करने के निर्देश दिए। आरपी परमवीरसिंह बराड़ ने शाला दर्पण अपडेट रखकर ब्लॉक को जिला स्तरीय रैकिंग में टॉप पर लाने के लिए कहा। मंचासीन प्रधानाचार्या शक्ति कटारिया, जलदाय विभाग के एइएन पृथ्वीराज किलाणियां व विद्युत विभाग के जेइएन अंशुल वासुदेव ने भी विचार रखे।
बेटियों के लिए हमारा भी दायित्व बनता है
बैठक में शामिल राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय गांव 12 एच मोहलां की प्रधानाध्यापक सरिता कटारिया ने स्कूल में शौचालय नहीं होने का मुद्दा उठाया। इस पर आरपी बराड़ ने कहा कि बेटियों की गरिमा का सम्मान हम सभी का दायित्व है। इसके लिए हम भी कदम बढ़ा सकते हैं। यह कहते हुए उन्होंने शौचालय के लिए दस हजार रुपए देने की घोषणा की। मौके पर जेइएन पवन बुड़ाकिया ने पांच हजार रुपए व एसडीएम, बीडीओ व जलदाय विभाग के एइएन प्रत्येक ने दो-दो हजार रुपए देने की घोषणा की। पार्षद ओमप्रकाश शर्मा सहित कुछ पीइइओ के सहयोग से मौके पर करीब 26 हजार रुपए एकत्र हुए।
पीइइओ ने रखी समस्याएं
गांव 23 ओ के पीइइओ अमित बत्रा ने वर्षा के पानी का संग्रहण करने के लिए डिग्गी निर्माण, गांव 14 एफएफ के पीइइओ सुरेश कुमार ने पेयजल व 62 एफ के प्रधानाध्यापक दिनेश धूडिय़ा ने स्कूल की डिग्गी कवर करने का मुद्दा उठाया। इसके अलावा प्रियंका यादव, अनु बाला, किरण गहलोत, संत लाल, रेणु चौहान, रणजीत कौर, राजेंद्र बठला, सुखदेवसिंह जस्सल, अजय छाबड़ा, सुनंदा कुलश्रेष्ठ आदि ने सर्वर संबंधी समस्या से शाला दर्पण के संचालन, स्कूलों में बिगड़ी जलापूर्ति, शौचालय की अनुपलब्धता व अन्य कई संसाधनों की कमी से स्कूलों में होने वाली परेशानी के बारे में बताया।