कक्षाएं खाली, एक टीचर फरलो पर इसके बाद कलक्टर ने कक्षा छह, सात, आठ व नौ का निरीक्षण किया तो कक्षा में विद्यार्थियों को कोई टीचर पढ़ाई नहीं करवा रहा था और शिक्षक फरलो पर मिले। इसे जिला कलक्टर ने गंभीरता से लेते हुए हाजिरी रजिस्टर की जांच की। जबकि तत्कालीन प्रधानाचार्य ज्योत्सना का तबादला होने के बाद प्रधानाचार्य का चार्ज जीव विज्ञान व्याख्याता जसंवत कुमार के पास है लेकिन वो आज अवकाश पर है। कार्यवाहक प्रधानाचार्य ने डीइओ से कोई अवकाश स्वीकृत नहीं करवा रखा था। इस कारण जिला कलक्टर ने हाजिरी रजिस्टर में इनके रिमार्क का निशान लगा दिया। इनको जिला कलक्टर ने फरलो पर मानते हुए डीइओ को निर्देशित कर इनको नोटिस जारी स्पष्टीकरण मांगा है।
अलग-अलग बताएं कारण इसमें कार्यवाहक प्रधानाचार्य सुमन कड़वासरा ने कलक्टर को बताया कि अध्यापिका अनुबाला तीन साल से स्कूल में नहीं आ रही है। जबकि इसके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। अध्यापिका गीता पीइइओ के अंर्तगत प्राथमिक विद्यालय 34 जीजी में कार्य व्यवस्था के लिए नौ जुलाई से लगाई हुई है। राजनीतिक विज्ञान की व्याख्याता नगेंद्र कौर नौ जुलाई से अवकाश पर है और इनका प्रार्थना पत्र स्वीकृत है।
दो दिन पहले ही हुए आदेश, नहीं हो रही पालना
स्कूल समय में बंक मारने वाले गुरु जी और कार्मिक की अब खैर नहीं है। अब बिना अवकाश व बिना स्वीकृति के स्कूल समय में स्कूल से बाहर जाने वाले शिक्षकों और कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में निदेशक प्रांरभिक शिक्षा ओम प्रकाश कसेरा और निदेशक माध्यमिक शिक्षा नथमल डिडेल ने दो दिन पहले ही आदेश जारी किए हैं। कलक्टर के निरीक्षण में निदेशक के आदेशों की पालना नहीं करने की पुष्टि हुई है।
स्कूल समय में बंक मारने वाले गुरु जी और कार्मिक की अब खैर नहीं है। अब बिना अवकाश व बिना स्वीकृति के स्कूल समय में स्कूल से बाहर जाने वाले शिक्षकों और कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में निदेशक प्रांरभिक शिक्षा ओम प्रकाश कसेरा और निदेशक माध्यमिक शिक्षा नथमल डिडेल ने दो दिन पहले ही आदेश जारी किए हैं। कलक्टर के निरीक्षण में निदेशक के आदेशों की पालना नहीं करने की पुष्टि हुई है।
अधिकारियों को किया पाबंद शिक्षा विभाग के माध्यमिक निदेशक के अनुसार शिक्षक और कार्मिक आए दिन अपनी विभिन्न मांगों, समस्याओं व निजी कार्यों से विद्यालय समय में ही समय में ही जनप्रतिनिधियों, मंत्रियों और अधिकारियों से मिलने पर के लिए चले जाते हैं। कई बार धरना-प्रदर्शन तक करते हैं। यहां तक की कई शिक्षक तो मुख्यालय भी छोडकऱ चले जाते हैं। स्कूल में शिक्षक कार्य प्रभावित होता है। साथ ही विभाग की छवि भी खराब होती है। अब यदि कोई भी कार्मिक या शिक्षक बिना अनुमति के मुख्यालय छोड़ता है, या फिर स्कूल समय में बाहर जाता है तो उसके खिलाफ राजस्थान सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण व अपील नियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारियों और ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों पर निगरानी रखने के आदेश दिए हैं।