कोरोना के दौरान जब जीवन और मृत्यु के बीच संघषज़्का दौर चल रहा था कि तब पूरे देश में लॉक डाउन लगा दिया गया था। इस लॉक डाउन में अपने जीवन की परवाह किए बिना आशा बहनों ने डोर टू डोर सवेज़् किया। पूरे दिन पसीना बहाया और अपने घर परिवार से दूर रहकर बस यही टारगेट रखा कि किसी तरह कोरोना संक्रमण हमारे इलाके में विकराल रूप न ले। इसका परिणाम भी सकारात्मक आया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी राजस्थान सूजस पुस्तक में आशा सहयोगिनों के हिम्मत और जज्बे को सलाम करते हुए खुद लिखकर शबाशी दी। लेकिन बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि जैसे ही कोरोना की काली छाया के बादल छंटे तो आशा सहयोगिनों को भूला दिया गया।
विशेष डयूटी के एवज में चार हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी इस बार नहीं दी। मानदेय महज 2970 रुपए दिया जा रहा है। रोजाना का हिसाब किताब किया जाएं तो यह एक सौ रुपए से कम है। पेट्रोल के दाम 120 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गए है।
गैस के दाम एक हजार रुपए प्रति सिलेण्डर हो गया है। सरसों का तेल 95 से बढकऱ 200 रुपए प्रति लीटर हो गया है। सरकार के आंकड़े खुद बता रहे है कि पिछले साल की तुलना में इस साल 30 से 40 प्रतिशत महंगाई बढ़ी है। सामाजिक और न्याय की बात करने वाले जनप्रतिनिधि और अफसरों के समक्ष बस एक ही नाम याद आता है कि वह आशा सहयोगिन का। सवेज़् कराओ तो आशा की डयूटियां लगा दो।
स्माटज़् फोन से आंकड़े भिजवाने की बात करते है तो आशा सहयोगिनों को जिम्मेदारी दी जाती है। कोई न कोई काम सरकार और अफसर आशा सहयोगिनों को दे रहे है। ज्ञापन में कायज़्कताओज़् और सहायिकाओ की तरह आशा सहयोगिनों को भी केन्द्र सरकार से जोडऩे,क्लेम भुगतान हर महीने हर एक तारीख को देने, आशा सहयोगिनों का मानदेय कम से कम दस हजार रुपए प्रतिमाह करने, सवेज़् के लिए आशा सहयोगिनों की बजाए कोविड सहायक को जिम्मेदारी देने व कोविड सहायक की भतीज़् में आशा सहयोगिनों को प्राथमिकता देने की मांग की है।
इस मौके पर मिजेवज़ला से आई चन्द्रमुखी, प्रवेश, ममता, सुनीता, शंकुतला, परमवीर कौर शामिल थी। वहीं सैटर 3 ए से नीतू, 4 डी से माया, 4 ए से शांति, 2 ई से शीतल, 9 बी से शंकुतला, 8 बी से ममता खुराना, मूतिज़्देवी, 9 ए से ममता कुमारी, 7 सी से अंशु, 7 ए से सुमन, 8 ए से गीता सोनी, 8 सी से नीलम, गजसिंहपुर से माया, डालीबाई, लक्ष्मीदेवी, सुनीता देवी, राजवीर कौर, मीनू, मनीषा तिवारी, कृष्णा अनिता देवी आदि पहुंची और जमकर नारेबाजी की।