यूक्रेन के खारकीव में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे रायसिंहनगर के चारू ओझा ने बताया कि उनके कॉलेज सामान्य दिनों की भांति लग रहे हैं। युद्ध जैसी बात कहीं दिखाई नहीं देती। अलबत्ता यह जरूर कहा जा रहा है कि बॉर्डर पर दोनों सेना आमने-सामने है। रूस के अपने नागरिकों को बॉर्डर से सटे इलाके से निकाले जाने की खबरें भी आ रही है। छात्रों के अलावा यहां काम कर रहे भारतीय नागरिक लगातार दूतावास के संपर्क में है। भारतीय दूतावास भी भारतीय नागरिकों और छात्रों को नवीनतम स्थिति से अवगत करवा रहा है। यूक्रेन में लगभग 20 हजार छात्र एमबीबीएस, होटल मैनेजमेंट, वेटरनरी और एयरोनोटिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। राजस्थान के भी एक हजार से अधिक छात्र यूक्रेन में है।
भारत पर है भरोसा यूक्रेन में रह रहे छात्र युद्ध की खबरों को लेकर इसलिए भयभीत नहीं कि उन्हें भारत सरकार पर पूरा भरोसा है। छात्रों ने 'पत्रिका Ó से बातचीत में बताया खाड़ी युद्ध के समय भारत सरकार ने वहां फंसे भारतीयों को सकुशल निकाला। ताजा मामला अफगानिस्तान का है। वहां तालिबान के कब्जे के बाद जो माहौल बना था, उसमें भारतीय नागरिकों को लाने के लिए भारत ने जो रणनीति अपनाई थी उसे देखकर भारतीय छात्रों को विश्वास है कि कल को रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो भारत सरकार उन्हें सकुशल घर तक पहुंचा देगी। भारतीय दूतावास जिस तरह से सूचनाओं का आदान प्रदान कर रहा उससे भारतीय छात्रों का भरोसा और Óयादा बढ़ा है।
यूक्रेन से लौटे हैं छात्र अभिभावकों के कहने पर भारतीय छात्र स्वदेश लौटने लगे हैं। छात्र चारू ओझा के अनुसार पांच सौ के करीब छात्रों की वापसी की सूचना सोशल मीडिया पर है। भारत के लिए फ्लाइटें मिल रही है। किराया कुछ Óयादा लिया जा रहा है। भारतीयों के लिए एयर इंडिया ने तीन फ्लाइट्स की घोषणा की है। यह फ्लाइट 22, 24 और 26 फरवरी को यूक्रेन से भारत के लिए रवाना होगी।