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ऑक्सीजन की कालाबाजारी करते गिरफ्तार तीन आरोपी जेल भेजे, संचालक की संलिप्तता की जांच

locationश्री गंगानगरPublished: May 10, 2021 11:58:05 pm

Submitted by:

Raj Singh

– पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर आगे चल रही जांच

ऑक्सीजन की कालाबाजारी करते गिरफ्तार तीन आरोपी जेल भेजे, संचालक की संलिप्तता की जांच

ऑक्सीजन की कालाबाजारी करते गिरफ्तार तीन आरोपी जेल भेजे, संचालक की संलिप्तता की जांच

श्रीगंगानगर. एक तरफ ऑक्सीजन की कमी से मरीज दम तोड़ रहे हैं और दूसरी तरफ अस्पताल कर्मचारियों की ओर से ऑक्सीजन की कालाबाजारी की जा रही है। इस मामले में स्पेशल टीम की ओर से शनिवार रात को ऑक्सीजन की कालाबाजारी करते गिरफ्तार हुए तीन आरोपियों को सदर थाना पुलिस ने सोमवार को अदालत में पेश किया। जहां से तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। पुलिस इस मामले में पीएमजी हॉस्पिटल के संचालक की संलिप्तता की जांच कर रही है।

जांच अधिकारी सदर थाना प्रभारी हनुमानाराम बिश्नोई ने बताया कि 8 मई की रात को पुलिस की स्पेशल टीम के प्रभारी कश्यप सिंह को सूचना पर कोरोना महामारी में मरीजों के लिए जीवन रक्षक मेडिकल ऑक्सीजन की दीपक कुमार, राजविन्द्र सिंह व सुनिल कुमार नाम के व्यक्ति एक लोडिंग वाहन में नाथावाला पुल के समीप कालाबाजारी कर रहे हैं। करीब 340 रुपए के एक ऑक्सीजन सिलेण्डर के 2500 रुपए ले रहे हैं। जिनसे ग्राहक बनकर ऑक्सीजन की खरीद की जानी संभव है।
कांस्टेबल अजय प्रताप को सादा कपड़ों में बोगस ग्राहक बनाकर कालाबाजारी करने वालों से ऑक्सीजन सिलेण्डर का सौदा करने भेजा गया। कांस्टेबल पुलिया से बारहमासी नहर के बराबर पठानवाला को जाती हुई लिंक रोड पर करीबन 100 मीटर आगे गया। जहां एक छोटा लोडिंग वाहन खड़ा था। इसके पास तीन जने खड़े हुए थे।
इनसे कांस्टेबल ने एक ऑक्सीजन सिलेण्डर खरीने की बात की। वहां मौजूद दीपक कुमार, राजविन्द्र सिंह व सुनिल कुमार ने कांस्टेबल से एक सिलेण्डर ऑक्सीजन के 2500 रुपए मांगे। इस पर कांस्टेबल ने सौदा कर उनको 2500 रुपए दे दिए। कांस्टेबल का इशारा मिलते ही स्पेशल टीम ने वहां मौजूद तीनों को घेर कर गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस टीम ने वार्ड नंबर 56 करणमार्ग थाना जवाहरनगर निवासी दीपक कुमार पुत्र रामकुमार वाल्मिकी, गली नंबर 9 एसएसबी रोड निवासी राजविन्द्र सिंह पुत्र महेन्द्र सिंह रामगढिया व डूंगर कॉलोनी गली नंबर एक सदर थाना निवासी सुनील कुमार पुत्र भानीराम कुम्हार को मेडीकल ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की कालाबाजारी करते हुए गिरफ्तार किया था। इनसे 19 ऑक्सीजन सिलेण्डर व ढाई हजार रुपए की नकदी व लोडिंग वाहन को जब्त कर लिया गया था। आरोपियों को सोमवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।

थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों ने शिव चौक स्थित पीएमजी हॉस्पिटल के मालिक डॉ. प्रवीण गर्ग की मिलीभगत व ज्ञान से लोगों के साथ छल कपट करके कोविड 19 महामारी मौत का डर दिखाकर राष्ट्रीय आपदा के समय जरुरत मंद लोगों को जीवन रक्षक मेडिकल ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की काला बाजारी करना बताया था। अधिकारियों की निगरानी में मामले में डॉ. प्रवीण गर्ग व अन्य की संलिप्तता के संबंध में गहनता से जांच पड़ताल की जा रही है।

अब तीन बार अस्पतालों का दौरा करेंगे नोडल अधिकारी
– एडीएम प्रशासन भवानी सिंह पंवार ने कलक्ट्रेट सभाहॉल में ऑक्सीजन आपूर्ति मॉनिटरिंग को लगाए गए नोडल व सहायक नोडल अधिकारियों की बैठक में कहा कि जो नोडल व सहायक नोडल लगाए गए है, वे प्रतिदिन दो बार आवंटित चिकित्सालयों में जाकर ऑक्सीजन की उपलब्धता, रोगियों की संख्या का आंकलन करते है, अब दिन में तीन बार चिकित्सालयों का दौरा कर ऑक्सीजन की उपलब्धता, रोगियों की संख्या की रिपोर्ट प्रतिदिन प्रभारी को देंगे।
चिकित्सालयों में कुछ रोगी ठीक हो चुके है तथा चिकित्सकों के अनुसार जिनका ऑक्सीजन लेवल 90 से अधिक है, ऐसे रोगियों को छुट्टी देनी चाहिए। जिससे वे घर पर अपने परिजनों के साथ रहकर ओर ज्यादा स्वस्थ हो सकेंगे। यदि कोई रोगी कमजोर महसूस कर रहा है, तो ऐसे रोगियों को कोविड केयर सेन्टर में स्थानांतरित कर दिया जाए।
वर्तमान समय में ऑक्सीजन की मांग व रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में ऑक्सीजन पर नियंत्रण रखना जरूरी है। जिस रोगी को ऑक्सीजन की बहुत आवश्यकता है, उन्हें ऑक्सीजन दी जाए। किसी भी हालत में ऑक्सीजन का दुरूपयोग नहीं होना चाहिए, इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा।

बैठक में सीईओ अशोक कुमार मीणा, न्यास सचिव डॉ. हरितिमा, आयुक्त नगरपरिषद सचिन यादव, सहायक निदेशक औषधि डीएस उप्पल, डॉ. मुकेश मेहता सहित निजि चिकित्सालयों के संचालक व ऑक्सीजन मॉनिटरिंग प्रभारी व सहायक प्रभारियों ने भाग लिया।

निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन कंसेटेटर खरीदने का सुझाव
– एडीएम प्रशासन ने निजी अस्पताल संचालकों की बैठक में कहा कि जो ऑक्सीजन पास उपलब्ध है, उसका अनावश्यक उपयोग न करते हुए ऑक्सीजन को जरूरतमंदों के लिए बचाना भी है। चिकित्सालयों में ऐसे रोगी जिनका ऑक्सीजन लेवल सामान्य के आसपास है, तो ऐसे रोगियों को अधिक ऑक्सीजन न देकर भी ऑक्सीजन की बचत की जा सकती है।
प्रयासों से जो ऑक्सीजन बचत की जाएगी, वह किसी न किसी रोगी के जान बचाने में काम आएगी। ऐसे प्रयास सभी चिकित्सकों को करने चाहिए। उन्होंने निजी चिकित्सालय संचालकों को सुझाव दिया कि अपने स्तर पर प्रयास कर ऑक्सीजन कन्सटेटर क्रय करने चाहिए, जो जरूरत पडऩे पर काम में लिए जा सकेंगे।
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