इस बीच, पुलिस अधीक्षक हेमन्त शर्मा ने अपने कार्यालय में फल-सब्जी मंडी में व्यवस्था को लेकर बैठक रखी। उन्होंने निर्देश दिए कि मंडी परिसर में 50 से अधिक जने इक_ा नहीं हो इसलिए सुबह के समय रेहड़ी वालों आदि को सुखाडिय़ा सर्किल से निर्धारित संख्या में आगे बढऩे दिया जाए। कृषि विपणन विभाग के क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक डीएल कालवा, मंडी सचिव लाजपतराय खुराना, पर्यवेक्षक हेमराज गुरहानी, वृताधिकारी (शहर) इस्माइल खान, उप अधीक्षक राहुल यादव आदि बैठक में शामिल थे।
सब्जी उत्पादकों ने फिर जताई सहमति
सब्जी उत्पादकों ने फिर जताई सहमति
सब्जी उत्पादक संघ के जिलाध्यक्ष अमरसिंह बिश्नोई, पूर्व सरपंच सौदागर सिंह औलख आदि अनेक किसान शाम को जिला कलक्ट्रेट पहुंचे। जिला प्रशासन को दिए ज्ञापन में उन्होंने मंडी समिति की भाव संबंधी नई व्यवस्था पर असहमति जताई है। उनका कहना है कि आम उपभोक्ताओं को अभी भी अधिक दाम पर सब्जियां खरीदनी पड़ रही है जबकि खुदरा विक्रेताओं को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। इसमें बदलाव नहीं किया गया तो मंडी में सब्जियां नहीं लाई जाएगी, बहिष्कार करेंगे।
पुलिस जाब्ते का लिया सहारा
पुलिस जाब्ते का लिया सहारा
मंडी क्षेत्र में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस जाब्ते का सहारा लिया जा रहा है। अनाज मंडी के शिव सर्किल की तरफ वाले मुख्य दरवाजे पर मंगलवार सुबह एक बार भीड़ हुई तो मंडी प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में जोर आया। इसी तरह ब्लॉक एरिया की तरफ वाले दरवाजे पर भी कई जनों को मुश्किल आई।
मंडी में यूं रहेगा आगमन
मंडी में यूं रहेगा आगमन
जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि शाम के 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक किसान अपनी सब्जी मण्डी में लाकर व्यापारियों को बेचेेंगे। सुबह के 4 से 6 बजे तक तहसीलों से आने वाले व्यापारी मुख्यालय से सब्जी लेकर जा सकते हैं। सुबह 6 से 10 बजे तक रेहड़ी वाले, सब्जी-फल वाले बिना भीड़ किए टोकन लेकर सब्जी व्यापारियो से लेकर जाएंगे। रेहड़ी वाले किसी चौराहे या एक जगह खड़े नहीं रहेगे, मोहल्लों एवं गलियों मे घूमकर सब्जी का विक्रय करेंगे।
यह तय किए हैं भाव
यह तय किए हैं भाव
आलू छोटा-8 से 10, आलू मोटा-15 से 17, प्याज नासिक-24 से 25, प्याज सीकर 15 से 17, घीया कद्दू-6 से 8, तोरी लोकल-20 से 22, तोरी बाहरवाली-12 से 15, टमाटर-18 से 20, फूल गोभी-8 से 10, मूली 4 से 5, गाजर-10 से 12 रुपए प्रति किलो। इसी तरह अन्य सब्जियों एवं फल के थोक भाव निर्धारित किए गए हैं। इस भाव पर थोक व्यापारी अपनी आढ़त लेकर खुदरा विक्रेताओं-रेहड़ी वालों को आगे बेचेंगे।