पार्षद पवन गौड़ ने इस संबंध में लिखित में शिकायत की है। इसमें आरोप लगाया है कि वर्ष 2017 में नगर परिषद सभापति चांडक ने अपने राजनीतिक प्रभाव से हनुमानगढ़ रोड पर अपने परिवार के फार्म हाउस के बाहर इंटरलोकिंग टाइल्स बिछाई गई, यहां तक कि सौन्दर्यीकरण की आड़ में वहां तक ट्री गार्ड भी स्थापित किए गए लेकिन पिछले सप्ताह नगर परिषद सभापति के परिवार के लोगों ने इस फार्म हाउस के बाहर खजूर के बड़े बड़े पेड़ स्थापित कर दिए है।
इससे नगर परिषद की ओर से बिछाई गई टाइल्स और टी गार्ड को उखाड़ा जा सकता है। ऐसे में आमजन भी सौन्दर्यीकण की आड़ में सडक़ किनारे ऐसे पेड़ लगाने लगे तो अतिक्रमण होने लग जाएगा।
पार्षद गौड़ ने सभापति पर पद कादुरुपयेाग करने काआरोप लगाते हुए आयुक्त से इस प्रकरण की जांच कर दोषियोंके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस पार्षद के समर्थन में उपसभापति अजय दावड़ा लक्की ने भी आयुक्त से पूरे प्रकरण में जांच की गुहार लगाई है।
इस प्रकरण की जांच से पहले ही नगर परिषद के एक्सईएन महेश गोयल ने सभापति परिवार के फार्म हाउसके बाहर खजूर के पेड़ लगाने के कदम को वाजिब माना है।
गोयल का कहना था कि कोई भी नागरिक अपने घर के बाहर पेड़ लगा सकता है लेकिन यह यातायात में बाधित नहीं करता हो। सभापति की एप्रोच को देखते हुए यह उचित कदम करने के सवाल पर एक्सईएन का कहना था कि एक ओर सरकार पेड़ लगाने का टारगेट दे रही है तो वहां खजूर के पेड़ लगाने में हर्ज क्या है। टाइल्स और ट्री गार्ड को उखाडऩे के सवाल पर उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर कीै।
इधर, नगर परिषद सभापति अजय चांडक का कहना है कि घर के बाहर पेड़ लगाना अपराध है तो हम ऐसा अपराध एक सौ बार करेंगे। एक ओर सरकार पेड़ लगाने का अभियान चला रही है तो दूसरी ओर चंद पार्षद पेड़ लगाने की शिकायत कर रहे है।
चंद पार्षद शहर के विकास में अड़चन बन गए है। विकास के मुद्दे पर बोलने की बजाय सभापति के घर बाहर पेड़ लगाने या गमला रखने जैसी शिकायतों की आड़ में छिछौरी हरकते करने लगे है। स्थानीय निकाय के चुनाव को देखते हुए कई पार्षद अपनी नेतागिरी चमकाने में लगे है।
हमने कभी भी कोई गलत काम नहीं किया है। जिस ट्री गार्ड उखाडऩे की बात की जा रही है, वे नगर परिषद या यूआईटी की बजाय खुद के पैसों से खरीदे गए थे। वहां दस दस हजार रुपए के खजूर के पेड़ लगाए है, कोई अतिक्रमण नहीं किया। चुनावी सीजन में ऐसे आरोप निराधार और बेबुनियाद आएंगे।