VIdeo: सजी झांकियां, गूंजे भजन हालांकि वह बच्चे के नाम, पते के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सका। धरने के कारण रोड पर लगभग एक घंटे तक जाम रहा। सूचना मिलने पर सीओ सिटी तुलसीदास पुरोहित भी दल-बल सहित मौके पर पहुंचे और स्थिति संभाली। बच्चा नाले में गिरने की सूचना पर एकत्रित हुए आक्रोशित दुकानदारों ने नगर परिषद को दूरभाष पर सूचना दी। इस पर परिषद अधिकारियों ने कहा कि नाले ढकने का कार्य ठेके दार का है। जब ठेकेदार से बात की गई तो उसका कहना था कि आप नगर परिषद से ही बात करो।
पानी निकासी क्यों नहीं? इस पर दुकानदारों का गुस्सा फुट पड़ा और पार्षद पति सन्नी नागपाल के नेतृत्व में दुकानदारों ने राधेश्याम कोठी के पास सड़क पर जाम लगाकर धरना-प्रदर्शन किया। इस कारण सड़क के दोनों साइड में जाम लग गया। धरने पर दुकानदार सागर भाटी,अशोक बलाना,अनूप अग्रवाल,ओमप्रकाश, रजत स्वामी, शरद जसूजा, विक्की जसूजा, योगेश मिढ्ढ़ा, डॉ.बीआर अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष अंबर जयपाल, छात्र नेता बलजिंद्र सैनी और श्रवण प्रजापत आदि ने नगर परिषद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
अधिकारियों को घेरा,खरी-खोटी सुनाई : धरना लगाने की सूचना मिलते ही मौके पर नगर परिषद के कार्यवाहक एक्सईएन मंगत सेतिया, यूआईटी एक्सईएन संदीप नागपाल और फायर ऑफिसर गौतम लाल पहुंचे और दुकानदारों से बातचीत की। दुकानदारों ने कहा कि दस दिन से नगर परिषद से खुले नाले बंद करने की मांग की जा रही है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। जब धरना लगाया तब नगर परिषद प्रशासन की नींद खुली है। अधिकारियों को दुकानदारों ने खूब खरी-खरी सुनवाई गई। इसके बाद अधिकारियों ने कहा कि परिषद की गलती रही है। खुले नालों को अभी ही कवर करवा दिया जाएगा। इसके बाद लोगों ने सड़क पर धरना उठा लिया। फायर ऑफिसर ने नगर परिषद से एक्सकेवेटर मशीन मंगवाई और भाटिया पेट्रोल पंप से उधम सिंह चौक तक खुले नालों को कवर करवाने की कार्रवाई शुरू की गई।
इन्होंने बताई पीड़ा
नगर परिषद से वार्ड नंबर 26 व 28 के बीच मुख्य सड़क पर खुले नालों को बंद करवाने की गुहार कई बार लगाई गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस पर आक्रोशित दुकानदारों ने सड़क जाम कर धरना लगाकर विरोध प्रकट किया, जिस के बाद खुले नालों को कवर किया गया।
सन्नी नागपाल, पार्षद पति
भाटिया पेट्रोल पंप से लेकर उधमसिंह चौक तक सड़क पर कई नाले खुले हैं। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है और छोटे बच्चों की जान भी जा सकती है। परिषद को अवगत करवाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस कारण मजबूरी में दुकानदारों ने धरना-प्रदर्शन किया।
विक्की जसूजा
शहर में गंदे पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है। मजबूरी में दुकानदारों ने धरना-प्रदर्शन किया जिस पर अधिकारी मौके पर पहुंचे। नगर परिषद में तो बिना धरना-प्रदर्शन तो कोई काम ही नहीं होता है।
अनूप अग्रवाल
नगर परिषद की लापरवाही से शहर में मौत के नाले खुले पड़े हैं। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन धरना देने से पहले तक नगर परिषद ने इन को कवर करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की।
योगेश मिढ्ढा