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महीनों बाद नहाए और किया भरपेट भोजन

locationश्री गंगानगरPublished: May 04, 2018 10:03:05 pm

Submitted by:

vikas meel

-मुक्त हुए बाल श्रमिकों ने कई दिन बाद आश्रम में छुड़वाया
– पुलिस ने कराया मेडिकल, फैक्ट्री मालिक को भेजा जेल

aasharam

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श्रीगंगानगर.

मानव तस्करी विरोधी यूनिट, बाल कल्याण समिति एवं चाइल्ड लाइन की ओर से गुरुवार को चक तीन ई छोटी की गली नंबर दो में एक चूड़ा फैक्ट्री से मुक्त कराए गए 23 बाल श्रमिकों को शुक्रवार को विवेक आश्रम में कई दिन बाद नहलाया गया, जिससे वे तरोताजा नजर आए। इनको राजकीय चिकित्सालय में मेडिकल कराने के बाद दोपहर को वापस आश्रम में छोड़ दिया गया, जहां इन्होंने भरपेट भोजन कर आराम किया। वहीं पुलिस ने गिरफ्तार हुए चूड़ा फैक्ट्री मालिक को शाम को अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।


पुलिस ने बताया कि चूड़ा फैक्ट्री में काम कर रहे 7 से 15 साल तक के 23 बच्चों को मुक्त कराया गया था। यहां से फैक्ट्री मालिक बेलागंज गया बिहार निवासी मुजाहिर पुत्र मोहम्मद एहसान को गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार रात को चूड़ा फैक्ट्री से मुक्त कराए गए बच्चों को विवेक आश्रम में रखा गया और इनको यहां खाना खिलाया गया। शुक्रवार सुबह आश्रम से पुलिस बस में मेडिकल के लिए राजकीय चिकित्सालय ले जाया। इसके बाद उनको आश्रम छोड़ दिया गया। आरोपित मुजाहिर को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।

 

उधर, आश्रम में शुक्रवार सुबह बच्चों को नहलाया गया और नाश्ता करवाकर पुलिसकर्मियों के साथ पुलिस बस में राजकीय चिकित्सालय ले जाया गया। जहां बच्चों का मेडिकल हुआ। इसके बाद पुलिस ने अपनी आवश्यक कार्रवाई के बाद बच्चों को आश्रम में छुड़वा दिया । बालश्रम से मुक्त हुए ये बच्चे यहां काफी खुश नजर आए।


बच्चों के परिजनों की तलाश

– पुलिस ने बताया कि मुक्त कराए गए 23 बच्चों के परिजनों की तलाश की जा रही है। जिनको यहां बुलाया जाएगा या पुलिस बच्चों को उनके घरों पर छोड़कर आएगी। परिजनों को सुपुर्द करने से पहले उनको हिदायत दी जाएगी कि आगे से वे बच्चों को किसी के साथ बालश्रम कराने के लिए नहीं भेजे। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपित की तलाश की जा रही है। उसके आने के बाद ही इनके परिजनों का पता चल सकेगा। उम्मीद है एक-दो दिन में पुलिस आरोपित को ले आएगी।


पैरों में नहीं थी चप्पल

– चूड़ा फैक्ट्री से मुक्त कराए गए 23 बच्चों को शुक्रवार के राजकीय चिकित्सालय में मेडिकल कराने व आश्रम छोडऩे के दौरान एक भी बच्चे के पैरों में चप्पल नहीं थी। सभी बच्चे नंगे पैर ही थे। संस्था के लोगों ने बताया कि गुरुवार को जब बच्चों को चूड़ा फैक्ट्री से मुक्त कराया गया तो एक-दो को छोड़कर अन्य बच्चों के पैरों में चप्पलें नहीं थी। न ही उनके पास कोई सामान या कपड़े आदि मिले थे।

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