लोको पायलट को जब मामले का पता चला तब तक वह दो किलोमीटर आगे चला गया था। यात्री गाड़ी में सवार लोगों को जब मामले का पता लगा तो उनमें हड़कंप मच गया। इस मामले को लेकर यात्रियों ने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए। रेलवे अधिकारियों ने यह तो स्वीकार किया है कि उक्त पैसेंजर गाड़ी मंगलवार को कुछ देरी से चली, लेकिन उन्होंने घटना की पुष्टि करने से इनकार कर दिया।
बताया गया है कि हनुमानगढ़ जंक्शन से पैसेंजर ट्रेन सुबह गंगानगर के लिए रवाना हुई। धोलीपाल और सादुलशहर के बीच इंजन और यात्री डिब्बों को जोडऩे वाली कपलिंग (एक ऐसा हुक जो इंजन अथवा यात्री डिब्बों को आपस में जोडऩे के काम आता है) खुलने की वजह से इंजन आगे निकल गया और डिब्बे पीछे रह गए। लोको पायलट को जब तक यह जानकारी मिली तब तक वह दो किलोमीटर आगे आ गया था। इमरजेंसी बे्रक लगाकर इंजन की रफ्तार कम की गई। लोको पायलट इंजन को वापस यात्री डिब्बों के पास लेकर आया। पायलट ने अन्य लोगों की मदद से यात्री डिब्बों और इंजन को जोड़ा। गनीमत रही कि इस दौरान कोई हादसा नहीं हुआ।
कार्रवाई के भय से नहीं खोल रहे मुंह
यात्रियों के मुताबिक कपलिंग सही न होने के कारण पृथ्वीराजपुर स्टेशन के पास भी इसी तरह की स्थिति पेश आई। जानकार बताते हैं कि यात्री डिब्बों और इंजन को आपस में जोडऩे का काम प्वाइंट्स मैन करते हैं, लेकिन जरूरत पडऩे पर लोको पायलट भी इस काम को कुशलता से अंजाम देता है। कार्रवाई के डर से कोई भी रेलवे अधिकारी इस घटना की पुष्टि नहीं कर रहा है। श्रीगंगानगर रेलवे स्टेशन के कार्यवाहक अधीक्षक बीएल गुप्ता का कहना था कि बनवाली रेलवे स्टेशन उनके अधीन नहीं है इसलिए उन्हें जानकारी नहीं है। पृथ्वीराजपुर रेलवे स्टेशन पर लगे लैंडलाइन फोन पर जब बात की गई तो वहां के स्टेशन मास्टर ने घटना के संबंध में अनभिज्ञता जताई, लेकिन उसने माना कि हनुमानगढ़ से आकर सूरतगढ़ जाने वाली पैसेंजर ट्रेन मंगलवार को पृथ्वीराजपुर रेलवे स्टेशन पर देरी से पहुंची।