scriptबठिंडा-सूरतगढ़ के बीच दोहरे ट्रैक पर दौड़ेंगी रेलगाडि़यां | Trains will run on double track between Bathinda-Suratgarh | Patrika News

बठिंडा-सूरतगढ़ के बीच दोहरे ट्रैक पर दौड़ेंगी रेलगाडि़यां

locationश्री गंगानगरPublished: Sep 25, 2019 02:33:44 am

Submitted by:

yogesh tiiwari

Trains will run on double track…बठिंडा से सूरतगढ़ के बीच अब डबल रेलवे ट्रैक पर रेलगाडि़यां दौड़ती नजर आएंगी। बहुप्रतीक्षित बठिंडा से सूरतगढ़ के बीच रेलवे दोहरीकरण का कार्य जल्द ही शुरू होने जा रहा है।

बठिंडा-सूरतगढ़ के बीच दोहरे ट्रैक पर दौड़ेंगी रेलगाडि़यां

बठिंडा-सूरतगढ़ के बीच दोहरे ट्रैक पर दौड़ेंगी रेलगाडि़यां

हनुमंत ओझा
रेलवे की टेक्निकल बिड खुलने का इंतजार

सूरतगढ़. बठिंडा से सूरतगढ़ के बीच अब डबल रेलवे ट्रैक पर रेलगाडि़यां दौड़ती नजर आएंगी। बहुप्रतीक्षित बठिंडा से सूरतगढ़ के बीच रेलवे दोहरीकरण का कार्य जल्द ही शुरू होने जा रहा है। वित्त मंत्रालय की ओर से बठिंडा से सूरतगढ़ रेलवे ट्रेक दोहरीकरण कार्य को स्वीकृति मिल चुकी है। इसके बाद अब उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्यालय ने इस ट्रैक के दोहरीकरण के लिए कवायद तेज कर दी है। फिलहाल बठिंडा से सूरतगढ़ रेलवे ट्रैक दोहरीकरण कार्य की टेक्नीकल बिड खुलने का इंतजार है। इसके बाद सर्वे शुरू किया जाएगा और फिररेलवे की ओर से नए ट्रैक का निर्माण और विद्युतीकरण कार्य करवाया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार ट्रैक के दोहरीकरण का काम वर्ष 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा। दोहरीकरण होने से जहां एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों की गति बढ़ेगी, वहीं मालगाडियों को अन्य ट्रेनों की पासिंग के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने देशभर में रेलवे के कई सेक्शन मे रेल लाइनों के दोहरीकरण की घोषणा की थी। इसमें बठिंडा से सूरतगढ़ का 142 किलोमीटर रेलवे ट्रेक भी शामिल था। इस बीच केन्द्र सरकार की रेल पॉलिसी में देश में रेलवे ट्रैकों के विद्युतीकरण को प्राथमिकता दी गई। इसके तहत वर्ष 2022 तक देशभर के समस्त रेलवे ट्रैकों को विद्युतीकृत करने का लक्ष्य रखा गया। इसके चलते रेलवे लाइनों के दोहरीकरण को एकबारगी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अब जबकि बठिंडा सूरतगढ़ के बीच विद्युतीकरण हो चुका है तो रेलवे दोहरीकरण की परियोजना पर से भी धूल छंट चुकी है।
प्रदेश का होगा पांचवां दोहरीकृत रेलवे रूट
बठिंडा से सूरतगढ़ के बीच रेलवे ट्रेक प्रदेश का पांचवां दोहरीकृत रेलवे रूट होगा। जबकि उत्तर पश्चिम रेलवे जोन की चौथी दोहरीकृत रेल लाइन होगी। इससे पहले एनडब्ल्यूआर की जयपुर डिवीजन में जयपुर-फुलेरा अजमेर रेल लाइन व जयपुर अलवर दौसा रेलवे ट्रैक दोहरीकृत है। वहीं बीकानेर रेल मंडल में रेवाड़ी मनहेरू रेलवे ट्रैक भी दोहरीकृत है। पश्चिम रेलवे के कोटा रेल मंडल में कोटा-सवाईमाधोपुर ट्रैक दशकों पूर्व दोहरीकृत हो चुका है। बठिंडा से सूरतगढ़ के बीच बिछाई जाने वाली दूसरी रेलवे लाइन निर्माण के साथ ही विद्युतीकृत कर दी जाएगी। ऐसे में यह सम्पूर्ण विद्युतकृत डबल रेलवे ट्रैक होगा। चूंकि, सेंट्रल आर्गेनाइजेशन फॉर रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन केवल पूर्व में संचालित रेलवे ट्रैक का ही विद्युतीकरण करता है तो ऐसे में यह इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य आरई द्वारा नहीं किया जाएगा। रेलवे मुख्यालय की ओर से रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के मनोनीत कम्पनी के द्वारा ही नये रेलवे ट्रैक का निर्माण और विद्युतीकरण किया जाएगा।
दोहरीकरण की मुख्य वजह सूरतगढ़ थर्मल
बठिंडा से सूरतगढ़ के बीच रेलवे ट्रेक के दोहरीकरण कार्य के स्वीकृत होने की सबसे प्रमुख वजह प्रदेश की सबसे बड़ी सूरतगढ़ सुपर थर्मल विद्युत परियोजना है। वर्तमान में संचालित 1500 मेगावाट के थर्मल की छह यूनिटों में प्रतिदिन 20 हजार मीट्रिक टन कोयला खपता है। 250 मेगावाट की एक इकाई में विद्युत उत्पादन के लिए प्रतिदिन 3300 से 3500 मीट्रिक टन कोयला खपत होती है। ऐसे में 250 मेगावाट की छह इकाइयों के संचालन के लिए प्रतिदिन 6 मालगाडियों की आवश्यकता पड़ती है। वहीं, जल्द ही प्रारंभ होने वाली 660-660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाइयों में एक इकाई के लिए प्रतिदिनि 5 हजार मीट्रिक कोयले की आवश्यकता रहेगी रहेगी अर्थात सुपर क्रिटिकल इकाइयों के लिए दैनिक चार कोल रैक (मालगाडियां) चाहिए। चूंकि बठिंडा-बीकानेर-जोधपुर-अहमदाबाद-मुम्बई रेलवे बेहद व्यस्तम रूट है, ऐसे में प्रतिदिन कोयले की मालगाडियों को एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों को पासिंग देने के लिए घंटों तक अटकाया जाता है। इससे जहां परियोजना में कोल रैक देरी से पहुंचते हैं, वहीं रेलवे के समय व धन दोनों की बर्बादी होती है। इसलिए बठिण्डा से सूरतगढ़ रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण कार्य स्वीकृत किया गया।
&बठिंडा से सूरतगढ़ रेलवे ट्रैक वर्ष 2015 के रेल बजट में स्वीकृत है। रेलवे मुख्यालय की ओर से इस ट्रैक के दोहरीकरण को लेकर प्रक्रिया जारी है। अभी मामला रेलवे मुख्यालय स्तर पर है।
जितेन्द्र मीणा
सीनियर डीसीएम, रेल मंडल, बीकानेर।
&बठिण्डा से सूरतगढ़ रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण को जल्द पूरा करने के लिए रेल मंत्रालय ने प्रकिया तेज कर दी है। केन्द्र सरकार ट्रैक दोहरीकरण को वित्तीय मंजूरी दे चुकी है। फिलहाल टेक्नीकल बिड खुलने का इंतजार है।
निहालचंद मेघवाल, सांसद, श्रीगंगानगर।
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