– ग्रामीण इलाके में चिकित्सकों की उठापटक से चरमाने लगी चिकित्सा व्यवस्था
श्रीगंगानगर.
चिकित्सा विभाग ने पूरे प्रदेश में 765 चिकित्सकों के तबादले कर दिए, इससे इलाके में पांच नए चिकित्सक आए लेकिन छह चिकित्सकों के स्थानांतरण जिले से बाहर हो गए हैं। ऐसे में महियांवाली, कमरानिया और नाहरांवाली गांवों पर असर पड़ा है। इन तीनों गांवों में एक-एक चिकित्सक था, स्थानान्तरण होने से वहां उपचार के लिए अब कोई चिकित्सक नहीं बचा है। ऐसे में संबंधित ग्रामीणों को आसपास पीएचसी या सीएचसी या जिला मुख्यालय पर सरकारी चिकित्सालय में उपचार कराने के लिए मजबूरी में जाना होगा।
चिकित्सा एवं स्वस्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार स्थानांतरण सूची से फतूही सीएचसी में चार में से दो चिकित्सक, अनूपगढ़ सीएचसी में पांच में से तीन चिकित्सक, रायसिंहनगर सीएचसी में चार में से दो, सूरतगढ़ सीएचसी में सात में से एक, गजसिंहपुर में चार में से दो चिकित्सकों के तबादले हुए है। वहीं श्रीकरणपुर सीएचसी में एक और चिकित्सक आने से वहां तीन चिकित्सक हो गए है, 18 जीजी पीएचसी में अब एक चिकित्सक की नियुक्ति की गई है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद खाली
अन्तरराष्ट्रीय सीमा और पंजाब सीमा होने के साथ-साथ इलाके में कमजोर जनप्रतिनिधित्व होने के कारण चिकित्सा क्षेत्र में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की झेलनी पड़ रही है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण जरुरतमंद परिवारों के रोगी अपना उपचार कराने के लिए प्राइवेट नर्सिंग होम जाने को मजबूर है। कई ऐसे परिवार भी है जो महंगा उपचार कराने के लिए रोगी को प्राइवेट चिकित्सकों के पास नहीं ले जाते, ऐसे में संबंधित रोगी रामभरोसे अपना उपचार कराते हैं। समय पर विशेषज्ञों की राय नहीं मिलने के कारण रोगी दम भी तोड़ रहे हैं। जिले में चिकित्सकों के 218 पद स्वीकृत है लेकिन 132 पदों पर ही चिकित्सक कार्यरत है। ऐसे में 86 पद खाली पड़े है।