नहर में पेड़ गिरने की जानकारी मिलने पर उरमूल डेयरी के पूर्व अध्यक्ष हरजीराम जाखड़ ने दूरभाष पर सूचना देकर आसपास के किसानों को एकत्र किया। किसानों ने नहर टूटने की आशंका के मद्देनजर रात को जल संसाधन विभाग और छतरगढ प्रशासन को सूचना दी।
किसानों ने बताया कि बुधवार मध्य रात्रि के बाद तेज तूफान के कारण कई पेड़ धराशायी हो गए थे। तुफान के कारण एक पेड़ टूट कर आरजेडी नहर में गिर गया। नहर में पेड़ गिरने से पानी के प्रवाह में बाधा पहुंची। इस पर किसानों ने नहर पर गश्त की तो वस्तुस्थिति की जानकारी मिली। चक तीन आरजेडी स्थित आरडी 21 के पास गिरे पेड़ को किसानों ने मानव श्रम और ट्रैक्टर से निकालने का प्रयास किया। वितरिका से पेड़ नहीं निकाल पाने पर उरमूल डेयरी के पूर्व अध्यक्ष जाखड़ ने एक्सकेवेटर मंगवायी। एक्सकेवेटर से टूटे पेड़ को नहर से बाहर निकाला गया। इसके बाद किसानों ने राहत की सांस ली। वहीं जल संसाधन को सूचना देने के बावजूद विभागीय अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर किसानों में रोष है।
नहीं पहुंचे जल संसाधन विभाग के अधिकारी
नहर में पेड़ गिरने से बड़ा हादसा होने की आशंका के बावजूद जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। किसानों की जागरूकता के कारण नहर टूटने से बचा ली गई। संभावित हादसे की आंशका के मद्देनजर 507 हैड स्थित जल संसाधन विभाग के बेलदार ने आरजेडी नहर में पानी का प्रवाह दो घंटे के लिए रोक दिया। आरजेडी वितरिका सुबह सात बजे से नौ बजे तक बंद रही।
नहर में पेड़ गिरने से बड़ा हादसा होने की आशंका के बावजूद जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। किसानों की जागरूकता के कारण नहर टूटने से बचा ली गई। संभावित हादसे की आंशका के मद्देनजर 507 हैड स्थित जल संसाधन विभाग के बेलदार ने आरजेडी नहर में पानी का प्रवाह दो घंटे के लिए रोक दिया। आरजेडी वितरिका सुबह सात बजे से नौ बजे तक बंद रही।