इससे अलग-अलग कैटगिरी के वाहनों में अब 3 से 6 टन तक ज्यादा भार ले जाने की छूट मिल गई है। वाहन भार लिमिट बढ़ाने से परिवहन खर्च कम होगा और वस्तुओं के भाव में कुछ कमी आने से आम आदमी को राहत मिलेगी। सडक़ों की गुणवत्ता और वाहनों की क्षमता में इजाफे को देखते हुए वाहनों की वजन ढोने की क्षमता पहले की अपेक्षा बढ़ गई है।
गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक जो ट्रक अब तक नौ टन भार ले जा रहे थे वे अब 12 टन तक भार ले जा सकेंगे। इसी तरह जो ट्रक 15 टन माल ले जा रहे थे वे अब 18.500 टन, 21 टन माल ले जाने वाले अब 27 टन और 25 टन माल ले जाने वाले वाहन अब 31.500 टन माल ले जा सकेंगे। ट्रकों में नई भार लिमिट से भी एक टन ज्यादा और बड़े ट्रालों में ढाई टन तक अतिरिक्त भार हो तो वह अंडर लिमिट माना जाएगा।
परिवहन मंत्रालय ने ये दी स्वीकृतियां
एक धुरी : एक टायर के साथ एक धुरी वाले वाहनों को तीन टन भार, दो टायर के साथ एक धुरी वाले वाहनों को 7.5 टन, चार टायर के साथ एक धुरी वाले वाहनों को 11.5 टन भार ले जाने की मंजूरी दी गई है।
दो धुरी : ट्रोले-अद्र्ध ट्रोले के लिए 21 टन, हाइड्रोलिक और न्यूमैटिक ट्रेलर्स, पूलर ट्रैक्टर्स के लिए 28.5 टन भार ले जाने की इजाजत दी है।
तीन धुरी : तीन धुरियों वों दृढ़ यानों, टेलर्स और अद्र्ध ट्रेलर्स के लिए 27 टन भार ले जाने की इजाजत होगी।
चार धुरी : दो धूरियां प्रत्येक चार टायर वाले मॉड्यूलर हाइड्रोलिक ट्रेलरों में (एक धुरी के लिए नौ टन भार) 18 टन भार ले जाने की इजाजत होगी। दो साल में लेनी होगी फिटनेस
अब ट्रकों को सालाना फिटनेस का प्रमाण पत्र भी नहीं लेना होगा। इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। ट्रकों को एक साल के बदले दो साल में फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा।
ट्रकों में अधिक भार ले जाने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ है। इस संबंध में राज्य के परिवहन विभाग की ओर से विस्तृत दिशा-निर्देश मिलने के बाद ही कुछ कहना संभव होगा।
हेतराम सिला, कार्यवाहक जिला परिवहन अधिकारी, श्रीगंगानगर।