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गुणवत्ता का सच: हम दूषित पानी से बुझा रहे हैं प्यास

locationश्री गंगानगरPublished: May 11, 2019 12:12:01 pm

Submitted by:

Krishan chauhan

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गुणवत्ता का सच: हम दूषित पानी से बुझा रहे हैं प्यास

गुणवत्ता का सच: हम दूषित पानी से बुझा रहे हैं प्यास

– जिला लैब ने पिछले एक साल में 12 हजार 10 नमूने लिए इनमें से 516 नमूने अमानक पाए गए
पत्रिका एक्सक्लूसिव–श्रीगंगानगर. नहरी तंत्र से जुड़े श्रीगंगानगर जिले के शहरी और ग्रामीण अंचल के लोगों को स्वच्छ जलापूर्ति का दावा खोखला साबित हो रहा है। जहरीला व प्रदूषित पानी की वजह से श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि इसका मुख्य कारण पंजाब से आईजीएनपी,भाखड़ा व गंगनहर परियोजना में आ रहा जहरीला व दूषित पानी है। जिले में पिछले एक साल में जिला स्तरीय जल विश्लेषण एवं पेयजल निगरानी जिला प्रयोगशाला श्रीगंगानगर ने 12010 कैमिकल्स, बैक्टीरिया, अधिशेष क्लोरिन की जांच करने के लिए नमूने लिए। इनकी जांच में 516 पानी के नमूने अमानक की पुष्टि हुई है। उल्लेखनीय है कि पंचायत समिति व जिला परिषद की साधारण सभा की मीटिंग में प्रदूषित पानी को लेकर बार-बार मुद्दा उठता रहा है लेकिन जिला प्रशासन और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहा है।
फिल्टर मीडिया खराब, रॉ वाटर की सप्लाई
श्रीगंगानगर जिले की नौ पंचायत समितियों की 336 ग्राम पंचायतों में जल योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग स्वच्छ जलापूर्ति का दावा करता है लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि गांवों में बदबूदार व प्रदूषित पानी मिल रहा है। गर्मी के मौसम में गांवों में जल संकट की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है। जहां पर जनता जल योजनाएं संचालित की जा रही हैं, वहां पर अधिकांश जगह फिल्टर मीडिया खराब है या फील्टर चोक पड़े हैं और कई जगह फिल्डर मीडिया समय पर बदला नहीं जा रहा है। इस कारण नहर से आने वाला रॉ वाटर सीधे वाटरवक्र्स की डिग्गी में सप्लाई होता है। यहीं रॉ-वाटर सीधा गांवों में सप्लाई किया जा रहा है। जांच में अमानक पाए गए नमूने–श्रीगंगानगर जिले में पिछले एक साल में जिला स्तरीय जल विश्लेषण एवं पेयजल निगरानी जिला प्रयोगशाला ने कैमिकल्स के 2042 नमूने लिए इनमें 101 नमूने अमानक पाए गए हैं। बैक्टीरिया के 3500 नमूनों में 127 अवशेष क्लोरिन में 3216 में 134 नमूने और राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम में 3252 पानी के नमूने लिए हैं। इनमें कैमिकल्स की जांच की गई तो 154 नमूने अमानक पाए गए।
जांच, नमूने लिए, जांच में अमानक

कैमिकल्स 2042 101

बैक्टीरिया 3500 127

अवशेष क्लोरिन 3216 134

एनआरडीडब्ल्यूपी 3252 154

कैमिकल्स (राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम)।

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वर्ष अमानक
वर्ष 2017-18 -713
वर्ष 2018-19 -516

मौके पर जाकर करते हैं जांच

गांवों में दूषित पानी की शिकायतें मिलती हैं। इस पर मौके पर जाकर पानी के नमूने लेकर जांच की जाती है। इसमें कई जगह कैमिकल्स,बैक्टीरिया आदि की मात्रा सही नहीं मिलती है। इस पर दुबारा सैंपल लेकर जलापूर्ति में सुधार करवाया जाता है।
प्रभा बंसल,जिला कनिष्ठ रसायनज्ञ,जल विश्लेषण एवं पेयजल निगरानी जिला प्रयोगशाला, श्रीगंगानगर।
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