यातायात प्रभारी सुशील कुमार ने बताया कि सड़क हादसे रोकने व मृत्यु दर कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि नशे में वाहन चलाने, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने व ओवरस्पीड वाहन चालकों के वाहनों को सीज किया जाए और उनके लाइसेंस निरस्त कराए जाएं। इसके लिए पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर समय-समय पर नाकेबंदी कर व इंटरसेप्टर वाहन से शहर के विभिन्न स्थानों पर साल भर कार्रवाई की गई। इसके तहत पुलिस ने 3834 वाहनों को सीज व चालान किए गए। इनमें से पुलिस ने 2400 वाहन चालकों के लाइसेंस निरस्त करवा दिए और शेष बचे वाहन चालकों के लाइसेंस निरस्त कराने की कवायद चल रही है। इनको जल्द ही परिवहन विभाग भेजा जाएगा। जहां से इनके लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएंगे।
आई है हादसों में कमी
पुलिस ने बताया कि जिले में हादसों में कमी आई है। इसके चलते पुलिस आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 अक्टूबर तक जिले में 167 लोगों ने हादसों में जान गंवाई। वहीं 2017 में अक्टूबर तक 156 व्यक्तियों की सड़क हादसों में मौत हुई। पिछले साल की तुलना में इस साल सड़क हादसों में काफी कमी आई और मौतों की संख्या भी कम रही है।
मनाया था नो एक्सीडेंट-डे
– पुलिस की ओर से हादसों व मौतों में कमी लाने के लिए पिछले दिनों जिले में नो एक्सीडेंट -डे भी मनाया गया था। इस दौरान जगह-जगह नाकेबंदी की गई और रात को दो बजे बाद नाकों पर वाहन चालकों को थकान से निजात दिलाने के लिए चाय भी पिलाई गई और उनको जागरुक किया गया। वाहन चालकोंं ने इसकी काफी सराहना की।
इनका कहना है
सार्थक रहे हैं परिणाम
– सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत जिले में सड़क हादसों में कमी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस साल वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई भी काफी हुई है और नो एक्सीडेंट-डे मनाया गया, जिसके परिणाम भी सार्थक रहे हैं। भविष्य में भी हादसों में कमी लाने के प्रयास किए जाएंगे।
हरेन्द्र कुमार महावर, पुलिस अधीक्षक श्रीगंगानगर।