श्री गंगानगर

दिल की धडकऩों के साथ अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे हर्षप्रीत और बलजीत

Heart problem solved : उन दो बच्चों को दिल की गंभीर बीमारी थी। माता-पिता बच्चों का उपचार भी करवाना चाहते तो आर्थिक हालात उनके आड़े आ जाते। हालात विषम थे लेकिन ऐसे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम यानी आरबीएसके की टीम उनके लिए देवदूत बन कर आई।

श्री गंगानगरFeb 17, 2020 / 12:39 pm

jainarayan purohit

दिल की धडकऩों के साथ अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे हर्षप्रीत और बलजीत

श्रीगंगानगर. उन दो बच्चों को दिल की गंभीर बीमारी थी। माता-पिता बच्चों का उपचार भी करवाना चाहते तो आर्थिक हालात उनके आड़े आ जाते। हालात विषम थे लेकिन ऐसे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम यानी आरबीएसके की टीम उनके लिए देवदूत बन कर आई। टीम ने स्कूल में बच्चों को जांचा। गंभीर दिल की बीमारी के लक्षण नजर आने पर उनके परिजनों से संपर्क किया और फिर उपचार की तैयारी की। जी हां, हम बात कर रहे हैं गांव 27 जीजी की 11 वर्षीय हर्षप्रीत और उन्नीस जैड के दस वर्षीय बलजीतसिंह की। दोनों मासूमों ने गांव के परिवेश में जन्म लिया था।
हंसते-खेलते दोनों गांव के माहौल में पलते गए लेकिन परेशानी तब हुई जब दोनों बच्चे समय-समय पर बीमार होते गए। कई बार उपचार करवाया लेकिन कोई लाभ नहीं हो पाया। उपचार के बावजूद बच्चों का स्वास्थ्य नहीं सुधरने से परिजन परेशान थे। महंगा उपचार करवा नहीं सकते थे क्योंकि आर्थिक हालात अच्छे नहीं थे।
बच्ची के हालात देख परिजनों से संपर्क साधा
हर्षप्रीत के पिता छिंदा सिंह मजदूरी करते हैं। ऐसे में परिजन उसके उपचार के लिए ज्यादा कुछ कर भी नहीं पा रहे थे। इसी दौरान हर्षप्रीत के स्कूल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम पहुंची। बच्ची के हालात देखे तो परिजनों से संपर्क कर उसे इको के लिए जिला मुख्यालय बुलाया। जांच में जन्म से ही उसके दिल में छेद होने की पुष्टि हुई। विभाग ने बच्ची को उपचार के लिए जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल भेजा। जहां उसका ऑपरेशन हुआ और अब वह स्वस्थ है।
आर्थिक हालात ऐसे नहीं
कुछ ऐसे ही हालात गांव 19 जैड के दस वर्षीय बलजीतसिंह के थे। वह अक्सर बीमार रहता लेकिन ड्राइवर का काम कर रहे उसके पिता रघुवीरसिंह के आर्थिक हालात ऐसे नहीं थे कि वे उसका उपचार करवा पाते। इसी दौरान आरबीएसके की टीम बलजीत के स्कूल में पहुंची। गंभीर बीमारी की आशंका में जांच करवाई। डाउन सिंड्रॉम और दिल की बीमारी की पुष्टि होने पर जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में उपचार करवाया। दोनों को रविवार को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई। आरबीएसके टीम में डॉ. अमित शर्मा के साथ डॉ. नेहा छाबड़ा, डॉ. करिश्मा, कांता व दिव्या शामिल रहे।

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