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राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के दो दिवसीय प्रांतीय सम्मेलन: सामाजिक असमानताओं के खिलाफ एक क्रांति का सूत्रधार बनें: यादव

पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि सरकार को एक देश एक पेंशन का कानून लाना चाहिए।

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  • श्रीगंगानगर.भारत जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक प्रो. योगेंद्र यादव ने सरकारी नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि सरकारी नीतियों का लक्ष्य जनसाधारण को सार्वजनिक शिक्षा से वंचित करना और पूंजीवादी शिक्षा को बढ़ावा देना है। मुख्य वक्ता के तौर पर शुक्रवार को राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत की ओर से नई धानमंडी में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय शैक्षिक समेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग धर्म आधारित वैमनस्य को बढ़ावा देकर देशद्रोह कर रहे हैं। यादव ने शिक्षकों से अपील की कि वे संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करें और सामाजिक असमानताओं के खिलाफ एक क्रांति का सूत्रधार बनें। उन्होंने लोकतंत्र,समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे मूल्यों के महत्व पर जोर दिया। इससे पहले समेलन का आगाज ध्वजारोहण के साथ हुआ। समेलन में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संया में महिला और पुरुष शिक्षक शामिल हुए। तिलकुटा चतुर्थी के व्रत के बावजूद महिला शिक्षकों ने पंजीकरण की जिमेदारी बखूबी संभाली।

शिक्षा का निजीकरण व व्यवसायीकरण का खतरनाक कदम

  • स्कूल टीचर फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव सीएन भारती ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 की आलोचना करते हुए कहा कि यह शिक्षा के निजीकरण और व्यवसायीकरण का खतरनाक कदम है। उन्होंने चेताया कि यह नीति कॉरपोरेट जगत को सस्ती श्रमिकों का आधार प्रदान करने का षड्यंत्र है।

गैर शैक्षणिक कार्यों में धकेलने का विरोध

  • अध्यक्षीय भाषण में प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिहाग ने शिक्षकों से एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने संविदा पदों पर भर्तियों और केवल 10 माह के वेतन के खिलाफ संघर्ष की आवश्यकता पर जोर दिया। सिहाग ने पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि सरकार को एक देश एक पेंशन का कानून लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार ने राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना पर कटौती की तो इसके खिलाफ कर्मचारियों को अपनी आवाज उठाने की तैयारी करनी चाहिए। अंत में, उन्होंने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में धकेले जाने के खिलाफ सतत संघर्ष जारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।

हर जिले का अलग-अलग काउंटर

  • सम्मेलन में जिलेवार काउंटरों की व्यवस्था की गई थी, जिसमें शिक्षकों की लबी कतारें लगी रही। कार्यक्रम की देरी के बावजूद, शिक्षकों की मेहनत और जिमेदारी ने इसे सफल बना दिया। प्रवक्ता राजू आनंद ने बताया कि इस दौरान रंगकर्मी एवं चिंतक सरदूल सिंह के निर्देशन में कोरियोग्राफी प्रस्तुत की गई, जिसमें छात्रों ने भगत सिंह राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून की जानकारी भी दी। दर्शकों के बीच पर्चे वितरित कर इस महत्वपूर्ण मुद्दे के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम में मंच संचालन राधेश्याम यादव ने किया।

शैक्षिक जिमेदारियों का पालन करें

  • वक्ताओं ने शिक्षकों के अधिकारों और शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई। भादरा के पूर्व विधायक बलवान पूनिया ने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और आम जनता में शिक्षिकों के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल एक पेशा नहीं बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण का महत्वपूर्ण जिमेदारी है। अनूपगढ विधायक शिमला देवी ने शिक्षकों से अपील की कि वे अपने अधिकारों की रक्षा करते हुए शैक्षिक जिमेदारियों का पालन करें। विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने का भरोसा दिलाते हुए उन्होंने शिक्षकों से एकजुट रहने का आह्वान किया। नगर परिषद की पूर्व सभापति करुणा चांडक ने भी संबोधित किया।सम्मेलन के संयोजक भूप सिंह कूकणा ने कूक कम हैल्परों को मात्र 500 रुपए मासिक पर दूध वितरण के लिए काम पर लगाने को हास्यास्पद बताया और न्यूनतम मजदूरी के अनुसार उनका भुगतान करने की मांग की।

देर रात तक चला कवि सम्मेलन

  • देर शाम कवि समेलन का आयोजन किया गया। समेलन रात दस बजे तक चला। सहसंयोजक पवन कुमार छिंपा के अनुसार कवि समेलन में क्षेत्र के कवि डॉ.संदेश त्यागी, डॉ.अरुण शहेरिया, रूप सिंह राजपुरी, सुरेंद्र सुंदरम, डॉ.कृष्ण कुमार आशु और रितु सिंह ने कविता पाठ किया। कवियों ने कविताओं से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया।

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