राजकीय जिला चिकित्सालय के कार्यवाहक पीएमओ डॉ. पवन सैनी ने बताया कि रविवार शाम को कोरोना वार्ड में भर्ती एक 10 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। वार्ड 13 निवासी दस साल की एक बच्ची को 18 जनवरी को कोरोना के लक्षण होने पर राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था, जिसकी जांच में वह कोरोना पॉजिटिव पाई। बच्ची को निमोनिया था। इलाज के दौरान रविवार शाम करीब चार बजे उसकी मौत हो गई। कोरोना से जिले में बच्चे की यह पहली मौत है। उधर, रायसिंहनगर के वार्ड नंबर 16 में 45 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई। मृतक पहले भी बीमार था। मृतक का कोरोना गाइड लाइन के अनुसार अंतिम संस्कार कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि रविवार को जिले में 297 कोरोना पॉजिटिव केस आए हैं। इसके चलते अब जिले में एक्टिव केसों की संख्या भी 1954 हो गई है। रविवार को 105 मरीज रिकवर भी हुए हैं। राजकीय चिकित्सालय के कोरोना वार्ड में 15 मरीज भर्ती है। इनमें से 8 मरीजों को ऑक्सीजन दी जा रही है।
बच्चों का रखें ध्यान – बच्चों की इम्युनिटी बड़ों की अपेक्षा अच्छी होती है परन्तु कोरोना महामारी के चलते हमें बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सर्दी-जुकाम होते ही उनका तुरंत उपचार कराएं। बच्चा कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है अच्छे चिकित्सक से उसका उपचार करवाएं। सर्दी-जुकाम लंबा चलने पर बच्चा निमोनिया से पीडि़त हो सकता है। जिससे वह खाना-पाना छोड़ देता है जिससे उसकी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है रिकवर नहीं होने पर यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।
लोग मास्क व सोशल डिस्टेसिंग की पालना करें -सीएमएचओ डॉ. गिरधारीलाल मेहरड़ा ने बताया कि जिले में संक्रमण बढ़ रहा है और प्रतिदिन कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। सैंपलों की संख्या भी बढ़ाई गई है। बचाव के लिए लोग मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेसिंग की पालना करते रहे। खांसी, जुकाम व बुखार आदि होने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाएं। लक्षण मिलने के बाद कोरोना जांच कराएं और खुद को अलग से आइसोलेट करें। जिससे परिवार के अन्य सदस्यों से संक्रमण को बचाया जा सके। डॉ.मेहरड़ा के अनुसार इस बार वायरस अधिक घातक नहीं है लेकिन जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है उन्हें दिक्कत आ सकती है। वहीं बच्चों का विशेष रूप से ध्यान रखें।
जिले में आए पॉजिटिव ब्लॉक पॉजिटिव पदमपुर 16 सूरतगढ़ 05 अनूपगढ़ 87 घडसाना 17 सादुलाशहर 01 रायसिंहनगर 12 श्रीगंगानगर 113 अर्बन 46 कुल 297
एक्सपर्ट व्यू – कोरोना से जिस बालिका की मौत हुई है। पहले से ही उसके एक फेफड़े में इंफेक्शन था और पानी भरा हुआ था। इसके बाद कोरोना हो गया। इसके चलते कमजोरी व वायरस संक्रमण से बालिका की मौत हो गई। इसलिए लोग बच्चों का विशेष ध्यान रखें। इस संक्रमण के दौर में सांस की समस्या वाले, बार-बार बीमार होने वाले तथा कमजोर बच्चों का खासा ध्यान रखा जाए। बीमार होने इधर-उधर ना जाने के बजाय तत्काल अच्छे चिकित्सकों को दिखाएं। यदि बच्चे की इम्युनिटी डाउन है तो उसको अस्पताल में ले जाना चाहिए। इसके लिए इंतजार नहीं करना चाहिए। यदि परिवार में किसी को कोरोना के लक्षण है तो बच्चों को अलग रखा जाए। वहीं बच्चों को जन्म के बाद लगने वाले सभी टीकें लगवाने चाहिए। इससे भी बच्चे की इम्युनिटी पावर बढ़ती है और कई बीमारियों से बचाव होता है। बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उनको हरी सब्जियां, दूध सहित पोष्टिक भोजन देना चाहिए। बाजार के चटपटे खाने के बजाय घर बना ही खाना व सलाद आदि देना चाहिए।
– डॉ. संजय कुमार राठी, शिशुरोग विशेषज्ञ राजकीय चिकित्सालय श्रीगंगानगर