इस वजह से शहर के प्रत्येक वार्ड में आ रही जनसमस्याओं के बारे में पार्षद सिर्फ आग्रह करने तक सीमित रहे है वहीं कई निर्णय बोर्ड मीटिंग नही होने के कारण अटके हुए है। ऐसे में अब पहली बैठक को लेकर पिछले बीस दिनों से ना नुकर चल रही है। 26 नवम्बर 19 को सभापति करुणा चांडक ने शपथ ली थी लेकिन अभी तक पहली बैठक नहीं बुलाई है। हालांकि पार्षदों के साथ स्नेह मिलन संबंधित बैठक जरूरी हुई लेकिन वह अधिकृत नहीं थी।
ऐसे में पहली बैठक के साथ बजट बैठक एक साथ आयोजित करने के लिए आयुक्त ने प्रस्ताव तैयार किया है। नहीं मिल रहा मुद्दे रखने का मौका अधिकांश पार्षदों का कहना है कि पहली बैठक में शहरहित में कई निर्णय लिए जाने थे, लेकिन दो महीने की समय अवधि बीतने के बावजूद यह मंशा अब तक पूरी नहीं हो पा रही है।
पार्षदों का मानना है कि पहली बैठक को लेकर अधिक दिलचस्पी थी ताकि नगर परिषद प्रशासन को वार्ड की मौजूदा स्थिति बताई जा सके। लेकिन सभापति और आयुक्त इस पहली बैठक को लेकर अब तक निर्णय नहीं ले पा रहे है।
हालांकि एक एक पार्षद से वार्ड की समस्याओं के बारे में जरूर सुझाव मांगे है लेकिन वे नाकाफी है। इधर, आयुक्त प्रियंका बुडानिया ने बताया कि पहले 21 जनवरी की तिथि तय की थी लेकिन सभापति खुद व्यस्त थी, अब विधायक राजकुमार गौड़ विधानसभा सत्र के कारण जयपुर में है।
ऐसे में विधानसभा सत्र पूरा होने के उपरांत यह मीटिंग की जाएगी। हालांकि नगर पालिका एक्ट में तीन माह में एक बैठक का प्रावधान है। उम्मीद है कि दस फरवरी से पहले साधारण सभा की पहली बैठक और बजट बैठक एक साथ हो जाएं, इस संबंध में सभापति से चर्चा की जाएगी।