कोरोना काल के दौरान जहां नई कारों की बिक्री थम गई थी, वहीं पुरानी कारों की खरीद-फरोख्त चलती रही। यहां पंजाब से लोग पुरानी कारें खरीद कर लाते हैं। लॉक डाउन खुलने के बाद कारों की बिक्री में और तेजी आई। इसके साथ यहां हनुमानगढ़ व पंजाब की कारें भी लोगों के पास है और उनके रिश्तेदार आदि भी कारें लेकर आते रहते हैं।
इसके चलते शहर में कारों का दबाव बढ़ता जा रहा है। इसके चलते शहर के बाजारों व कॉलोनियों तथा मुख्य मार्गों पर कारों का जमावड़ा बढ़ रहा है। शहर के मुख्य बाजार गोल बाजार, रविन्द्र पथ व आसपास लोग सडक़ किनारे खड़ी करके दुकानों व बाजार में चले जाते हैं। इसके चलते आएदिन जाम की स्थिति बन जाती है।
हर माह पुलिस उठा रही 300 कारें
– यातायात पुलिसकर्मियों ने बताया कि कोरोना काल से पहले जहां डेढ़ सौ से अधिक कारें बाजारों में ट्रेफिक लाइन या सडक़ से उठाई जा रही थी लेकिन कोरोना के बाद अब हर माह करीब तीन सौ कार बाजारों से उठाई जा रही है। इसके लिए एक क्रेन लगी हुई है।
प्रतिदिन करीब 17-18 कारें उठा रही है। सडक़ पर यातायात में बाधा बनने वाली कारों को उठाने के लिए एक और के्रन की मांग की गई है। जिससे कारों को उठाने के लिए परेशानी नहीं हो।
दुपहिया वाहन उठाने के लिए मांगा वाहन
– यातायात पुलिस की ओर से शहर में इधर-उधर दुपहिया वाहन खड़े करके व्यवस्था बिगड़ जाती है। ऐसे में दुपहिया वाहन चालक घंटों तक नहीं आते हैं, जिससे लोगों को परेशानी होती है। ऐसे में पुलिसकर्मियों को दुपहिया वाहनों को इधर-उधर सरकाना पड़ रहा है।
कस्बों में भी बढ़े वाहन
– पुलिसकर्मियों ने बताया कि शहर ही नहीं जिले के बड़े कस्बों में भी वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वहां भी बाजारों में कारों व दुपहिया वाहनों के कारण यातायात व्यवस्था में व्यवधान आता है। जिससे कई जगह जाम की स्थिति बन आती है।
इनका कहना है
– शहर में वाहनों की संख्या बढ़ी है और पार्किंग स्थल कम है। मुख्य बाजार के आसपास मटका चौक स्कूल परिसर व गोदारा कॉलेज की दीवार के पास पार्किंग है लेकिन लोग फिर भी सडक़ पर वाहन खड़े कर जाते हैं। इससे यातायात व्यवस्था बिगड़ती है। हर माह करीब तीन सौ कारों को उठाया जा रहा है।
– कुलदीप सिंह चारण, यातायात प्रभारी श्रीगंगानगर