लेकिन पिछले दो सालों से जिला प्रशासन और नगर परिषद प्रशासन ने सेना की वीरता के प्रतीक पेंटागन टैंक की सफाई तक नहीं की गई। इस चौक पर यह टैंक जिला प्रशासन और नगर परिषद की अनदेखी का शिकार हो गया।
अपनी खुद की सफाई के लिए बाट जोह रहा था, इस संबंध में राजस्थान पत्रिका के 17 दिसम्बर के अंक में ‘विजय दिवस पर भी नहीं ली गई वीरता के प्रतीक की सुध’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार के बावजूद नगर परिषद प्रशासन के साथ साथ जिला प्रशासन ने भी कोई एक्शन नहीं लिया।
ऐसे में आखिरकार गुरुवार को सेना के जवानों ने भारत माता चौक पर खुद ही आकर न केवल सफाई की बल्कि इस टैक का रंग रोगन कर इसे नया रूप भी दिया है। गुरुवार को सुबह करीब नौ बजे सेना के सेना के जवानों की टीम आई और हाथों हाथ उसने सफाई कराई। इसके साथ साथ रंग रोगन कर इस टैंक को नया रूप दे दिया। गौरतलब.है चार.दिन.पहले भी सेना के जवानों.ने टैंक की सुध.ली और.साफ सफाई की थी।
करीब 47 साल पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों को नेस्ताबूद किया था। वर्ष 1971 के युदु्ध में पाकिस्तान को करारी मात देकर भारतीय सेना ने पाकिस्तान सेना की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे टैंक जीते थे।
इन टैंकों में से एक टैंक भारतीय सेना ने जिला प्रशासन के सुपुर्द किया था ताकि इस टैंक को देखकर हर भारतीय के मन में देश प्रेम का जज्बां कायम रह सके। जिला प्रशासन ने इस टैंक को जिला परिषद में रखवा दिया था लेकिन राजस्थान पत्रिका ने दो साल पहले समाचारों की श्रृंखला प्रकाशित करते हुए इस टैंक को सुखाडिय़ा सर्किल भारत माता चौक पर स्थापित करने की मुहिम चलाई थी।
इस पर तत्कालीन जिला कलक्टर पीसी किशन ने एक्शन लेते हुए इस टैंक को भारत माता चौक पर स्थापित करवा दिया। लेकिन नगर परिषद प्रशासन ने गुणवत्ताहीन निर्माण से स्मारक पर टैँक रखवाया था, ऐसे में यह स्मारक अब जर्जर हो चुका है।