धरनास्थल पर वक्ताओं का कहना था कि गहलोत सरकार में कानून व्यवस्था खत्म हो गई है। कांग्रेस अपना वोट बैंक बचाने के लिए अपराधियों को संरक्षण दे रही है। उदयपुर की घटना पुलिस व प्रशासन की असफलता को दर्शाती है। प्रदेश में तालिबानी शासन कानून हावी हो रहा है। जिसे सहन नहीं किया जाएगा। इस मौके पर विधायक रामप्रताप कासनिया, पूर्व विधायक अशोक नागपाल, भाजपा नगरमंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा, महामंत्री लालचंद शर्मा, पूर्व प्रधान बिरमा देवी, पूर्व पालिकाध्यक्ष काजल छाबड़ा, अशोक आसेरी, युवा मोर्चा जिला महामंत्री विनोद शर्मा, विविधा संस्था अध्यक्ष योगेश स्वामी, आम आदमी पार्टी के ओम राजपुरोहित, टीसी पेराफेरी संघर्ष समिति संयोजक आदि ने विचार रखे। वहीं सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस जाब्ता शहर के मुख्य स्थानों व संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात है।
वहीं, जिला मुख्यालय पर विश्व हिन्दू परिषद सहित हिन्दू संगठनों ने कलक्ट्रेट पर जमकर प्रदर्शन किया। इन संगठनों का कहना था कि राज्य की गहलोत सरकार ने आंतक के पर्याय बने लोगों के खिलाफ सख्ती से एक्शन नहीं लिया। इसका परिणाम उदयपुर वाली घटना हुई। समय रहते एक्शन लिया होता तो कन्हैयालाल की हत्या रोकी जा सकती थी।
इससे पहले इन संगठनों ने कलक्ट्रेट के समक्ष जमकर नारेबाजी की और पूरे घटनाक्रम के लिए गहलोत सरकार को दोषी माना। इसके उपरांत कलक्ट्रेट के अंदर घुसने का प्रयास किया तो वहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों में धक्का मुक्की भी हुई। कलक्ट्रेट गेट पर पुलिस का व्यापक पहरा तैनात था। कोतवाली सीआई विश्वजीत सिंह से प्रदर्शनकारियों को कलक्ट्रेट के अंदर घुसने पर रोक लगा दी तो गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने धक्का मुक्की। यह देख पुलिस कर्मियों के हल्का बल प्रयोग शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारी बैकफुट पर आए। इसके बाद चुनिंदा लोगेां को जिला प्रशासन को ज्ञापन देने के लिए अनुमति दी गई।
विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत जोधपुर के संयोजक उमाशंकर मित्तल, रतन गणेशगढि़या, महेश पेड़ीवाल, लक्की दावड़ा, लोकेश मनचंदा, श्यामलाल धारीवाल, प्रदीप धेरड़, राजकुमार सोनी, रामगोपाल यादव, मुकेश गोदारा, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष नीलम अग्रवाल, भाजपा की जिला मंत्री अंजू सैनी, संजय महिपाल आदि शामिल हुए। विहिप संयोजक ने राज्यपाल के नाम का ज्ञापन एडीएम प्रशासन को दिया। इसमें आरोप लगाया कि उदयपुर में कन्हैयालाल पर तालिबान तरीके से वीडियो बनाकर हत्या कर दी गई। दोषी आतंकवादियों को सरेआम फांसी दी जाना न्याय संगत होगा। इससे पहले नोहर उपखंड के बाबा रामदेव मंदिर के सामने खाली जगह पर विशेष समुदाय के युवाओं ने मंदिर में जाने वाली महिलाओं और बच्चियों के साथ छेड़छाड़ की घटना को रोकने के लिए 11 मई 22 को विश्व हिन्दू परिषद के जिला धर्म जागरण प्रचार प्रमुख सतवीर पर हमला कर गंभीर घायल कर दिया था।
इसी तरह जोधपुर में ईद की पूर्व रात्रि को जालौरी गेट पर नमाजियों ने सुनियोजित तरीके से स्वतत्रंता सेनानी बालमुकंद बिस्सा की प्रतिमा के मूर्ति पर पट्टी बांधकर प्रतिमा को हरे पाक परस्त झंड लगाकर पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाए थे। इसके बाद हिन्दू घरों में घुसकर पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ की घटना कारित की। हिन्दू संगठनेां में गहलोत सरकार के खिलाफ काफी रोष व्याप्त है। असमाजिक तत्व बने लोगों को अभी रोका नहीं गया तो प्रदेश के हालात काफी खराब हो जाएंगे। क़ड़े एक्शन लेने की जरुरत है। इधर, जय महाकाल संगठन ने रिंकू मिडढा की अगुवाई में युवाओं ने भी उदयपुर घटना को लेकर अपना विरोध जताते हुए राज्यपाल के नाम का ज्ञापन एडीएम प्रशासन डा.हरितिमा को सौंपा।