इस सर्किल का साइज इतना बड़ा हो गया कि शिव चौक से चहल चौक तक वाहनों की आवाजाही प्रभावित होने लगी। इस कारण पिछले साल तीन बार यह सर्किल टूट गया था, दो महीने पहले अब फिर से यूआईटी के आदेश पर ठेकेदार ने नए डिवाइजन का सर्किल बनाकर वहां लगा दिया। चौथी बार लगाए गए इस सर्किल के पाास से जैसे ही भारी वाहनों की आवाजाही हुई तो यह खंडित हो गया है।
न्यास प्रशासन की ओर से बनाए गए इस सर्किल पर खर्च हुई राशि न्यास खजाने से की गई थी, अब फिर से वहां निर्माण होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि करीब आठ साल पूर्व यूआईटी के तत्कालीन सचिव अशोक यादव ने इस डिवाइडर कट को बंद करवा दिया था। तब सचिव का तर्क था कि इस डिवाइडर खोलने से सडक़ दुर्घटनाओं में बढ़ौत्तरी होगी।
इस कारण शिव चौक से चहल चौक तक सदर थाने के आगे ही डिवाइडर कट खोला गया था। लेकिन इसके आगे चंद कदम पर फिर से डिवाइडर खोलना यातायात व्यवस्था को बााधित करने जैसा है।
इधर, गगन पथ से हनुमानगढ़ रोड तक सडक़ पर डिवाइडर कट करीब छह साल पहले था तत्कालीन न्यास सचिव अशोक यादव ने शहर में बढ़ती सडक़ दुर्घटनाओं में मनमजी से डिवाइडर कट को भी एक वजह बताते हुए अधिकांश डिवाइर बंद कर दिए थे, जिसमें यह डिवाइडर कट भी शामिल था।
तब न्यास प्रशासन ने शिव चौक से सुखाडिय़ा सर्किल तक रोड पर न्यू क्लॉथ मार्केट के सामने, टाटा मर्सरी के सामने, सुखाडिया मार्ग पर होटल खुराना के सामने, टांटिया हॉस्पीटल के सामने, प्रकाश नर्सिग होम के सामने, मीरा मार्ग पर पीएनबी के सामने, सत्यम हॉस्पिटल के सामने, प्रताप केसरी के सामने, जगदीश जांदू के आवास के सामने, कुम्हार धर्मशाला के सामने, सीजीआर मॉल के सामने, सदर थाने के सामने, शिव चौक से राजकीय जिला चिकित्सालय तक तीन डिवाइर कट बंद किए थे।
ज्ञात रहे कि इस नए चौक को पिछले साल से नगर परिषद प्रशसन अपनी नाराजगी तक व्यक्त कर चुका है। वहीं यातायात पुलिस ने भी न्यायेचित नहीं माना लेकिन यूआईटी के तत्कालीन अध्यक्ष संजय महिपाल ने इस सर्किल को मूंछ का सवाल बना लिया था, तब न्यास के सहायक अभियंता की रिपोर्ट को भी दरकिनार कर दिया था। न्यास के सहायक अभियंता ने इस चौक को यातायात के लिए अड़चन वाला बताया था। लेकिन न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष के आदेश पर यह सर्किल बनाने की जिद़द को पूरा किया गया।