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Video: पालिकाध्यक्ष ने पार्षदों के साथ किया गौशाला का निरीक्षण

locationश्री गंगानगरPublished: Jan 19, 2018 05:34:07 pm

– पालिकाध्यक्ष ने पार्षदों के साथ किया गौशाला का निरीक्षण संशोधित आवारा पशुओं का मुद्दा गर्माया, ज्वलंत समस्या में विकट बनते हालात

municipality officer inspection cow shed

municipality officer inspection cow shed

अनूपगढ़. आवारा पशुओं से परेशान इलाके के किसानों द्वारा गांवों से पशु लाकर शहर में छोड़ दिए जाने एवं प्रशासन की उदासीनता के बाद दर्जन भर पशुओं को कुत्तों द्वारा नोच-नोचकर खा लेने से पशुओं को लेकर मुद्दा गर्मा गया है। गौभक्तों ने प्रशासन से मिलकर गत दिवस दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई। अचानक शहर के जनप्रतिनिधियों में भी इस मामले में जागरूकता पैदा हुई और सभी ने गौवंश की अकाल मृत्यु पर दुख प्रकट करते हुए इलाके की गौशालाओं में पशुओं को रखने की क्षमता एवं अन्य व्यवस्थाओं सहित सरकारी अनुदान की जानकारी लेने का निर्णय लिया।
इसके लिए नगरपालिका अध्यक्ष निर्मला देवी गोदारा के नेतृत्व में नगरपालिका के सभागार में वार्ड पार्षदों एवं शहर के गणमान्य लोगों तथा जनप्रतिनिधियों की एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में पालिकाध्यक्ष गोदारा के अलावा नेता प्रतिपक्ष सतपाल मुंजाल, पार्षद सुखविन्द्र मक्कड़, आशीष गोयल,किसान संघ के राष्ट्रीय सदस्य बलविन्द्र ङ्क्षसह उर्फ बब्बू बहोलिया, एडवोकेट दयाराम लखेसर, रेल संघर्ष समिति अध्यक्ष जलंधर ङ्क्षसह तूर तथा किसान संघ के जिलाध्यक्ष जसवंत ङ्क्षसह चंदी सहित अन्य लोग मौजूद थे।
बैठक में पार्षदों ने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि राज्य सरकार से अनुदान पाने के बावजूद तथा गौशालाओं में पर्याप्त भूमि होने पर भी आवारा पशुओं को रखने में आना-कानी की जाती है। इस अवसर पर कुछ जनप्रतिनिधियों ने गौशालाओं की वर्षों से संचालित कमेटियों पर भी सवालिया निशान खड़े किए। बैठक में सर्वसमति से निर्णय लिया गया कि गौशालाओं का निरीक्षण किया जाए। जिस पर बैठक में मौजूद सभी जनप्रतिनिधि पालिकाध्यक्ष गोदारा एवं सतपाल मुंजाल के नेतृत्व में चक 4 एम.एस.आर. स्थित गौशाला में निरीक्षण के लिए पहुंचे।
इस अवसर पर गौशाला के प्रबंधक से जनप्रतिनिधियों ने दुधारू पशुओं की संया एवं असहाय गायों एवं अन्य पशुओं के सार-सभाल की व्यवस्था एवं आय आदि के बारे में विस्तार से जानकारी लेने के साथ-साथ अलग-अलग श्रेणी बनाकर रखे गए पशुओं के बाड़ों को भी देखा। इस मौके पर प्रबंधक लक्ष्मण ङ्क्षसह ने पालिकाध्यक्ष गोदारा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को बताया कि यह गौशाला एक ट्रस्ट के माध्यम से चल रही है, इसमें सरकार की ओर से कोई अनुदान नहीं आता है, सिर्फ जन सहयोग से ही यह गौशाला चल रही है।
उन्होंने बताया यहां पर 26 दुधारू गाय हैं, जोकि लगभग 2 क्विंटल दूध प्रतिदिन देती हैं। वहीं गौशाला की भूमि पर हरा चारा सहित अन्य प्रकार की फसलों के उत्पादन को लेकर भी जनप्रतिनिधियों ने जानकारी ली। इस निरीक्षण के दौरान पालिकाध्यक्ष तथा अन्य लोगों ने सवाल उठाया कि इतनी बड़ी जगह पर अगर 200-300 पशु और लोकर छोड़ दिए जाएं तो इस जगह पर समा सकते हैं, जिस पर प्रबंधक लक्ष्मण ने जवाब दिया जगह तो है लेकिन इसके लिए चारे आदि की व्यवस्था के साथ-साथ देखभाल की व्यवस्था भी एक अहम मुद्दा है।
दूसरी ओर निरीक्षण के लिए पालिकाध्यक्ष के साथ गए जनप्रतिनिधियों का कहना था कि इस गौशाला में हरे चारे को छोड़कर अन्य फसलों का बिजान नहीं किया तो आवारा पशुओं के लिए काफी मात्रा में जगह बन सकती है। निरीक्षण के बाद जनप्रतिनिधियों ने बताया कि इस मामले में सरकार एवं प्रशासन को अवगत करवाया जाएगा।
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