scriptशहर से कचरे उठाव प्रक्रिया ठप, गुस्साए ग्रामीणों ने लगाया धरना और वार्ता विफल | Waste pickup process stalled, angry villagers staged picket and talks | Patrika News

शहर से कचरे उठाव प्रक्रिया ठप, गुस्साए ग्रामीणों ने लगाया धरना और वार्ता विफल

locationश्री गंगानगरPublished: Oct 22, 2019 12:19:53 am

Submitted by:

surender ojha

Waste pickup process stalled दीपावली के इस सीजन में नगर परिषद के हाथ पांव फूल आए है। शहर के हर कंटेनर कचरे से भरे हुए है।

शहर से कचरे उठाव प्रक्रिया ठप, गुस्साए ग्रामीणों ने लगाया धरना और वार्ता विफल

शहर से कचरे उठाव प्रक्रिया ठप, गुस्साए ग्रामीणों ने लगाया धरना और वार्ता विफल

श्रीगंगानगर। चक 6 जैड के पास स्थित नगर परिषद की बारह बीघा भूमि में कचरे प्वाइँट में कचरा डालने का विरोध इतना अधिक पसरा कि पूरे शहर में कचरा उठाव की प्रक्रिया ठप हो गई है। कचरा स्थल के पास आसपास बसे ग्रामीणों ने धरना लगा दिया। संघर्ष समिति पदाधिकारियेां ने नगर परिषद के ट्रेक्टर ट्रॉलियों और अन्य वाहनों को कचरा डालने पर एकाएक रोक लगा दी।
जब वाहन चालकों ने इन ग्रामीणों से आग्रह किया तो उन्होंने वहां से खदेड़ दिया। इससे दीपावली के इस सीजन में नगर परिषद के हाथ पांव फूल आए है। शहर के हर कंटेनर कचरे से भरे हुए है। इस बीच गुस्साए ग्रामीणों ने कचरा स्थल पर धरना दे दिया। धरना स्थल पर नत्थूराम सहारण, राजकुमार सैनी, विजय सहारण, जगदीश शर्मा, प्रेम वर्मा, बलराज सिंह बराड़, सुखराज बराड़, जगमाल आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
समिति पदाधिकारियेां का कहना था कि मंगलवार को भी धरना रहेगा। इससे पहले नगर परिषद के कार्यवाहक आयुक्त लाजपत बिश्नोई, राजस्व अधिकारी मिलखराज चुघ, स्वास्थ्य अधिकारी राजकुमार आदि अधिकारियों ने आंदोलनरत ग्रामीणेां से वार्ता करने का प्रयास भी किया। इस दौरान कार्यवाहक आयुक्त ने ग्रामीणों से दीपावली पर्व को देखते हुए कचरा स्थल पर कचरा डालने का आग्रह भी किया लेकिन वे नहीं माने।
इस बीच जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार संजय अग्रवाल ने आकर वार्ता का दूसरा दौर शुरू किया लेकिन ग्रामीणों ने वर्ष 2015 में नगर परिषद और ग्रामीणों के बीच हुए समझौते के अनुरुप एक भी शर्त की पालना नहीं करने की बात कही। ग्रामीणों का कहना था कि शहर की गंदगी का खमियाजा उनके खेत क्यों भुगते। कचरा स्थल को साफ कराने के लिए नगर परिषद ने करीब एक साल से ठेका भी नहीं किया है। इस कारण कचरे में डिस्पोजल उनके खेतों में उडकऱ आ रही है, इससे फसलों के नुकसान पहुंच रहा है।
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