‘भारत-पाक सीमा तक पहुंचाओ घग्घर का पानी’
श्री गंगानगरPublished: Jul 26, 2019 02:30:45 am
घग्घर नदी के पानी को भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंतिम छोर पर पहुंचाने के लिए किसानों का संघर्ष जारी है। इस संबंध में किसानों का शिष्टमंडल गुरुवार को हनुमानगढ़ सिंचाई विभाग के नाली बैड के अधिशासी अभियंता बीरबल ंिसंह से हनुमानगढ़ में मिला।
‘भारत-पाक सीमा तक पहुंचाओ घग्घर का पानी’
‘भारत-पाक सीमा तक पहुंचाओ घग्घर का पानी’
-किसानों का शिष्टमंडल हनुमानगढ़ में अधिशासी अभियंता से मिला
अनूपगढ़ (श्रीगंगानगर). घग्घर नदी के पानी को भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंतिम छोर पर पहुंचाने के लिए किसानों का संघर्ष जारी है। इस संबंध में किसानों का शिष्टमंडल गुरुवार को हनुमानगढ़ सिंचाई विभाग के नाली बैड के अधिशासी अभियंता बीरबल ंिसंह से हनुमानगढ़ में मिला। किसानों ने अधिशासी अभियंता को अवगत करवाया कि सरदारगढ़ फार्म से निकलने वाले पानी की मात्रा को देखते हुए पानी का भारत-पाक के सीमा के पास भेड़ताल तक पहुंचना मुश्किल है। उन्होंने आरोप लगाया कि फार्म के अधिकारियों द्वारा नाली क ी धार के अंदर जगह-जगह कच्चे व पक्के बंधे लगाकर पानी को पूरे फार्म क्षेत्र में घुमाया जाता है। इस कारण पानी की मात्रा जीबी. क्षेत्र सहित आगे के बहाव क्षेत्र के लिए कम हो रही है।
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष जसवंत ङ्क्षसह चंदी ने बताया कि अधिशासी अभियंता ने किसानों की समस्याएं सुनकर मौके पर अधिकारी को लिखित में आदेश दिए कि जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। इसके साथ किसानों ने विभिन्न स्थानों पर पानी की मात्रा की जांच की। किसान नेता रणवीर सेखों ने बताया कि जैतसर से निकलते ही चेतक प्वाइंट पर 300 क्यूसेक तथा सूरतगढ़ से निकलते ही रेलवे पुल पर लगभग 3300 क्यूसेक पानी चल रहा था। किसानों ने बताया कि अगर चेतक प्वाइंट पर 2000 क्यूसेक पानी चले तो घग्घर का पानी भारत-पाक सीमा के पास भेड़ताल तक आसानी से पहुंच सकता है। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि शुक्रवार को किसान खुद प्रशासन को साथ लेकर नाली बहाव क्षेत्र में बने कच्चे बंधे तोडेंगे, यदि प्रशासन का सहयोग नहीं मिला तो किसान खुद आगे आकर बंधे तोडऩे का कार्य करेंगे।