वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए त्रिकोणीय मुकाबले में प्रेमदीप सैन ने बाजी मारी। सैन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नीरज गोयल को 99 वोटों के अंतर से मात दी। सैन को 346 वोट, नीरज गोयल को 247 वोट और तीसरे स्थान पर रही ज्योति गोस्वामी को 239 वोट प्राप्त हुए। इससे पहले बार संघ सभागार में मंगलवार सुबह दस बजे शाम चार बजे मतदान कराया गया। शाम साढ़े चार बजे वोटों की गिनती शुरू होते ही अधिवक्ताओं में गहमागहमी बढ़ गई।
टूटा हार का सिलसिला
नवनिर्वाचित अध्यक्ष वाट्स पिछली बार निवर्तमान अध्यक्ष अजय मेहता से चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार गत चुनाव में रही खामियों को दूर किया गया। एक-एक वोटर तक पहुंचने के लिए जी तोड़ मेहनत की। यहां तक कि अलग-अलग गुटों में बंटे अधिवक्ताओं के वोट लेने में भी परहेज नहीं किया। कुछ साल पहले वाट्स ने बार संघ के उपाध्यक्ष पद पर भी चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नसीब नहीं हुई थी। यह चुनाव उनके लिए तीसरा था। ज्ञात रहे कि नितिन कुमार वाट्स पुलिस उपअधीक्षक दीक्षा कामरा के पति हैं।
चैम्बर निर्माण के लिए कराएंगे शिलान्यास
जीत के बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष वाट्स ने बताया कि अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर का निर्माण पुरानी शुगर मिल की भूमि पर नई कोर्ट बिल्डिंग में होगा। इसके लिए आगामी कुछ दिनों में शिलान्यास भी कराएंगे। उन्होंने बताया कि जूनियर अधिवक्ताओं के लिए नया फंड बनाने का प्रयास किया जाएगा ताकि आकस्मिक परिस्थितियों में आर्थिक मदद की जा सके। उन्होंने जीत का श्रेय अपने समर्थकों को दिया है।
कयास, कवायद और किस्मत
इस चुनाव में कांटेदार मुकाबला होने के कयास लगने लगे थे जब वाट्स पिछली हार का बदला लेने के लिए फिर से चुनाव मैदान में आ डटे, लेकिन पूर्व सचिव जसवीर सिंह मिशन के ताल ठोकने के बाद यह चुनाव अपनी रंगत दिखाने लगा। दो बार की हार का भ्रम तोडऩे के लिए वाट्स समर्थकों ने धुंआधार जनसंपर्क किया तो उनकी किस्मत ने साथ दिया। कई विरोधी धड़े उनके साथ खड़े हो गए और परिणाम उनके पक्ष में आखिरकार मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे आ ही गया।