11 हजार केवी के खंबे से बिजली की सप्लाई के दौरान तारों में एकाएक स्पार्किग हो गई थी। अब अदालत ने इस काश्तकार को साठ हजार रुपए आठ प्रतिशत ब्याज और परिवाद व्यय के तीन हजार और मानसिक क्षतिपूर्ति के स्वरूप पांच हजार सहित चुकाने के आदेश जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जरिए सहायक अभियंता ग्रामीण श्रीगंगानगर को दिए गए है।
गांव पक्की के चक 3 बी बड़ी निवासी कलवंत सिंह पुत्र गोपाल सिंह रायसिख ने अपने वकील के माध्यम से परिवाद दायर किया कि उसके परिवार की रोजी कृषि कार्य पर निर्भर है। चक 3 बी बड़ी में उसकी पांच बीघा नहरी भूमि में 11 हजार केवी की लाइन गुजरती है।
21 अप्रेल 2018 को अचानाक तेज हवा के कारण ढीली तारों की स्पार्किग होने लगी और उसके खेत में खड़ी फसल जलकर राख हो गई। आसपास ग्रामीणों ने आग बुझाने का प्रयास भी किया लेकिन जब तक आग बुझती तब उसकी सारी फसल जल चुकी थी।
इस संबंध में हिन्दुमलकोट पुलिस को भी अवगत कराया गया था। इस घटना से पहले उसने विद्युत निगम के अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से आग्रह किया कि उसके खेत से गुजरनी वाली बिजली की तारें इतनी ढीली है कि कभी स्पार्किग होने से नुकसान हो सकता है।
लेकिन अधिकारियेां ने दो दिन का आश्वासन देकर उसकी शिकायत को अनसुना कर दिया गया। इससे हुए नुकसान के लिए क्लेम राशि दो लाख रुपए, मानसिक और शारीरिक पीड़ा के पचास हजार रुपए और परिवाद व्यय के 11 हजार रुपए का प्रतिकर मांगा।
जिला लोक अदालत के अध्यक्ष नरेश चुघ, सदस्य जेपी गौतम, अजय मेहता ने जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जरिए सहायक अभियंता ग्रामीण श्रीगंगानगर को आदेश दिया कि वह इस किसान की विद्युत सपई की तारों से स्पार्किग के कारण आग लगने से गेहू की फसल जलकर नष्ट होने के संबंध में फसल के नुसान का मुआवाजा देने के लिए उतर दायी होगा।
किसान को दो माह में फसल के नुकसान की मुआवजा राशि 60 हजार रुपए परिवाद व्यय तीन हजार रुपए मानसिक क्षतिपूति पांच हजार रुपए सहित चुकाए। यह अदायगी दो माह में अदा नहीं किए जाने पर आठ प्रतिशत ब्याज सहित चुकाने का अधिकारी होगा।
इसके जवाब में निगम की ओर से दलील दी गई कि यह प्राकृतिक हादसा के फलस्वरूप घटित घटना के संबंध में किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। निगम का कहना था कि 11 हजार केवी लाइन गंग कैनाल के साथ खेतों में नलकूप कनैक्शनों के लिए गुजरती है।
यह लाइन करीब तीस से चालीस साल पहले की स्थापित है। यह प्राकृतिक हादसा है न कि निगम की चूक। इस संबंध में कभी भी संबंधित काश्तकार ने लिखित शिकायत नहीं की। कृषि भूमि से ऊपर से गुजरती विद्युत प्रवाह की तारें नियमानुसार ऊंचाई 5.08 मीटर के अनुसार स्थापित है और निश्चित दूरी पर स्थित है।
जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जरिए सहायक अभियंता ग्रामीण श्रीगंगानगर को आदेश दिया कि वह इस किसान की विद्युत सपई की तारों से स्पार्किग के कारण आग लगने से गेहू की फसल जलकर नष्ट होने के संबंध में फसल के नुसान का मुआवाजा देने के लिए उतर दायी होगा। किसान को दो माह में फसल के नुकसान की मुआवजा राशि 60 हजार रुपए परिवाद व्यय तीन हजार रुपए मानसिक क्षतिपूति पांच हजार रुपए सहित चुकाए।