script

स्वैच्छिक रक्तदाताओं को जब पुरुस्कार मिला तो हुए गदगद

locationश्री गंगानगरPublished: Mar 17, 2019 10:35:28 pm

Submitted by:

surender ojha

https://www.patrika.com/sri-ganganagar-news/
 

When the voluntary blood donors get rid of gossip

स्वैच्छिक रक्तदाताओं को जब पुरुस्कार मिला तो हुए गदगद

श्रीगंगानगर। इलाके में जितना रक्त दान के रूप में हॉस्पिटल और ब्लडबैंकों में मिलता है उसके मुकाबले दुगुनी खपत रहती है। ऐसे में रक्तदान करने से मौत से जूझ रही जिन्दगी को एक यूनिट रक्तदान करने से बचाया जा सकता है। अगर आप या अपने परिचित रक्तदान करने में सक्षम है तो रक्तदान जरूर कीजिए।
यह मुहिम अब अधिक तेज करने की जरुरत है। राजकीय जिला चिकित्सालय में पैथोलॉजी विभाग की प्रभारी और पूर्व पीएमओ डा.सुनीता सरदाना का कहना है कि रक्तदान से बड़ा कोई परोपकार नहीं है। रक्तदान करने से खुद अपडेट रहता है, उसके साथ साथ सडक़ दुर्घटना या अन्य सर्जरी ऑपरेशन के दौरान किसी रोगी की रक्त की कमी से जूझ रहे जीवन को बचाया जा सकता है। सरदाना रविवार को सूरतगढ़ रोड पर स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भवन में राजस्थान स्टेट ब्लड ट्रांन्सफ्य़ूजन कौङ्क्षसल की ओर से आयोजित स्वैच्छिक रक्तदाता प्ररेक कार्यशाला में बोल रही थी। इस मौके पर पीएमओ डा.़ केसरसिंह कामरा ने कहा कि स्वेच्छिक रक्तदाता के बलबूते पर रक्त की कमी नहीं रहती। रक्तदान खुद के साथ दूसरों को प्रेरित किया जा सकता है।
इस कार्यक्रम में रक्तदान करने वाली विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों, रक्तदाताओं को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डा.़मनमोहन मित्तल ने उपस्थितजनों से रक्तदान के संबंध में प्रश्नों के जवाब पूछे। वहीं डा.़प्रेम अरोड़ा ने हीमोफीलिया, डा.ऱाजेश अरोड़ा ने थैलेसीमिया और डा.़ हरमिन्द्र सिंह ने स्वैच्छिक रक्तदान के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में उपनियंत्रक डा.़ प्रेम बजाज, चिकित्सालय के प्रशासनिक अधिकारी धीरज सैन, राजस्थान नर्सिग एसोएिशन के जिलाध्यक्ष रविन्द्र शर्मा, श्याम गोस्वामी, रमेश थन्नई आदि भी मौजूद थे।

ट्रेंडिंग वीडियो