-नया शिक्षा सत्र शुरू हुए पांच माह बीते,पुस्तकों की आपूर्ति नहीं होने पर श्रीगंगानगर जिले के 26 स्कूलों के तीन हजार विद्यार्थी हो रहे परेशान
श्रीगंगानगर. शिक्षा विभाग विद्यार्थियों का सरकारी स्कूलों में ठहराव के लिए लाख जतन कर रहा है। इसके लिए पोषाहार योजना और विद्यार्थी दुग्ध योजना सहित बहुत सी योजनाएं संचालित की जा रही है लेकिन चालू शिक्षा सत्र के पांच माह बीतने के बावजूद विभाग व्यवसायिक शिक्षा के विद्यार्थियों को पुस्तकें उपलब्ध नहीं करवा पाया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिले के 26 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा लागू कर रखी है। नए सत्र को पांच माह बीत गए लेकिन कक्षा 9 व 10 की व्यवसायिक शिक्षा की पाठ्य पुस्तकें स्कूलों में नहीं पहुंची है। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिले के 26 स्कूलों में दो ट्रेड में तीन हजार विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा की पाठय्पुस्तकें नहीं मिली है। यही स्थिति व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई करवाने वाले राज्यभर के स्कूलों की है।
श्रीगंगानगर. शिक्षा विभाग विद्यार्थियों का सरकारी स्कूलों में ठहराव के लिए लाख जतन कर रहा है। इसके लिए पोषाहार योजना और विद्यार्थी दुग्ध योजना सहित बहुत सी योजनाएं संचालित की जा रही है लेकिन चालू शिक्षा सत्र के पांच माह बीतने के बावजूद विभाग व्यवसायिक शिक्षा के विद्यार्थियों को पुस्तकें उपलब्ध नहीं करवा पाया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिले के 26 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा लागू कर रखी है। नए सत्र को पांच माह बीत गए लेकिन कक्षा 9 व 10 की व्यवसायिक शिक्षा की पाठ्य पुस्तकें स्कूलों में नहीं पहुंची है। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिले के 26 स्कूलों में दो ट्रेड में तीन हजार विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा की पाठय्पुस्तकें नहीं मिली है। यही स्थिति व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई करवाने वाले राज्यभर के स्कूलों की है।
————— फैक्ट फाइल -व्यवसायिक शिक्षा जिले के स्कूलों में-26 -जिले में कक्षा नौ व 10 वीं के व्यवसायिक शिक्षा केविद्यार्थी-3000 ——————- व्यवसायिक शिक्षा की कक्षा नौंवंी व दसवीं की पुस्तकें नई प्रकाशित हुई है। इसलिए देरी हुई है। अब शीघ्र ही इन पुस्तकों की आपूर्ति हो जाएगी। कक्षा 11 वीं व 12 वीं की पुस्तक आ चुकी है। उसका वितरण भी कर दिया गया है।
-हरचंद गोस्वामी,अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक,समग्र शिक्षा अभियान (समसा)श्रीगंगानगर।