जानकारी के अनुसार गांव लखासर निवासी वन्यजीव प्रेमी अनिल बिश्नोई को यह डेजर्ट कैट का बच्चा सात दिन पहले खेतों में भटकता हुआ मिला था। जिसको अकेला छोडऩे के बजाय वह घर ले आया। जहां अनिल बिश्नोई इस दुर्लभ प्रजाति की कैट के बच्चे की देखभाल कर रहा है।
जिसको हर चार घंटे बाद निप्पल से गाय का दूध पिलाया जा रहा है। यह एशियन डेजर्ट कैट का बच्चा ग्रामीणों के लिए कौतुहल बना हुआ है। गांव के बच्चे व बड़े इसको देखने के लिए आ रहे हैं।
वन्यजीव प्रेमी सुभाष गोगी ने बताया कि यह कैट रेगिस्तान में पाया जाता है। जिसको एशियन डेजर्ट कैट कहते हैं। जो नार्थ अफ्रीका, मिडिल ईस्ट व सैंट्रल एशिया के रेगिस्तान में पाए जाने वाला वन्यजीव है। रेगिस्तानों में इसकी संख्या इतनी कम हो गई थी कि वन्यजीव गणनाओं व ग्रामीणों को दिखाई देना ही बंद हो गया था।
जिसके चलते इस प्रजाति को वर्ष 2000 में खतरे में मान लिया गया था। जो अतिदुर्लभ प्रजाति की श्रेणी में शामिल हो गई थी। करीब छह साल तक इंटरनेशनल स्तर पर वन्यजीव विशेषज्ञ इस अतिदुर्लभ प्रजाति को लेकर बचाव अभियान चलाते रहे। वर्ष 2016 में वन्यजीव गणना के दौरान यह अतिदुर्लभ प्रजाति की कैट दिखाई देने लगी थी। जिसके चलते इसकी संख्या तीस प्रतिशत मानकर अतिदुर्लभ प्रजाति की सूची से बाहर कर दुर्लभ प्रजाति की सूची में डाला गया था।
डेजर्ट कैट एक खूंखार जंगली बिल्ली है – जानकारों ने बताया कि एशियन डेजर्ट कैट एक मांसाहारी खूंखार जंगली बिल्ली है। जो प्राथमिक रूप से तीतर, गिलहरी, चूहा जैसे छोटे पक्षियों व जानवरों का शिकार करती है। कभी कभी यह नवजात हरिण, रोज व जंगली ***** का भी शिकार कर लेती है।
यह सरीसृप, मछली, कीड़े, अंडे, घास के डंठल भी खाती है। यह खरगोश, कबूतर, मोर, सांप सहित अन्य का भी शिकार कर लेती है। इसकी दौड़ तेंदुए जैसे तेज होती है। इसके नाखून पतले व नुकीले होते हैं, जो शिकार को चीर देते हैं।