घर में हाथ पर हाथ धरकर बैठने की बजाय अपने हुनर को हथियार बना लिया है इलाके की कुछ महिलाओं ने। गांव से लेकर शहर के स्लम एरिया में रहने वाली इन महिलाओं ने अपने हुनर के बलबूते पर आमदनी का काम शुरू किया है।
इस कड़ी में पुरानी आबादी के पुराने डीटीओ ऑफिस के पास रहने वाली सुमन कुमारी ने देश व्यापी लॉक डाउन को देखते हुए सिलाई मशीन निकालकर मास्क बनाना शुरू किए है। यह मास्क पन्द्रह रुपए में बेच रही है जबकि दुकानों पर यह मास्क तीस से चालीस रुपए प्रति मास्क वसूले जा रहे है।
बीए शिक्षित सुमन के पास ऐसे लोग भी पहुंचने लगे जिन्होंने कपड़ा और धागा दिया है, सिलवाई के लिए महज पांच रुपए यह ले रही है। इस युवती का कहना है कि मास्क की अधिक खपत को देखते हुए यह मास्क बनवा रही है। यदि किसी को जरुरत है तो उससे संपर्क कर ऑर्डर दे सकते है।
इधर, रामदेव कॉलोनी में रहने वाली कविता ने भी कॉलेज बंद होने से अपने घर में ही सिलाई का काम शुरू कर दिया है। लेडिज सूट बनाने का हुनर इतना कि खुद की जेब खर्ची का जरिया बना लिया है। कविता का कहना है कि वह पहले खुद और मम्मी के सूट सिलती थी। लेकिन बाद में उसके काम में निखार आया तो पड़ौस में रहने वाली महिलाएं भी उससे सूट सिलवाने लगी।
इधर, रामदेव कॉलोनी में रहने वाली कविता ने भी कॉलेज बंद होने से अपने घर में ही सिलाई का काम शुरू कर दिया है। लेडिज सूट बनाने का हुनर इतना कि खुद की जेब खर्ची का जरिया बना लिया है। कविता का कहना है कि वह पहले खुद और मम्मी के सूट सिलती थी। लेकिन बाद में उसके काम में निखार आया तो पड़ौस में रहने वाली महिलाएं भी उससे सूट सिलवाने लगी।
जब भी पढ़ाई से फुर्सत मिलती तो वह अपनी जेब खर्ची के लिए सूट सिलने लगती। लेकिन अब तो पूरा इलाका ही लॉक डाउन है, ऐसे में घर पर खाली बैठने की बजाय कपड़े सिलने का काम अधिक करने लगी है। लॉक डाउन की वजह से बाजार बंद है तो उसे खूब काम मिलने लगा है।
पिछले चार दिनों में उसने करीब ढाई हजार रुपए जेब खर्ची निकाल भी ली है।
इस बीच लड्डू गोपाल की ड्रेस बनाने के लिए कई महिलाओं ने इसे आमदनी का जरिया भी बना लिया है। शिवाजी कॉलोनी में रहने वाली ममता ने भी इन दिनों घर पर लड्डू गोपाल की डे्रस बनाने का काम शुरू किया है। ब्यूटीशियन इस महिला का पार्लर अब लॉक डाउन की वजह से बंद है, ऐसे में घर चलाने के लिए उसने अपने इस हुनर का इस्तेमाल किया है। पड़ौस की महिलाओं को बाजार से सस्ती दरों पर उसने यह ड्रेस बनाकर देने का काम शुरू किया है।
इस बीच लड्डू गोपाल की ड्रेस बनाने के लिए कई महिलाओं ने इसे आमदनी का जरिया भी बना लिया है। शिवाजी कॉलोनी में रहने वाली ममता ने भी इन दिनों घर पर लड्डू गोपाल की डे्रस बनाने का काम शुरू किया है। ब्यूटीशियन इस महिला का पार्लर अब लॉक डाउन की वजह से बंद है, ऐसे में घर चलाने के लिए उसने अपने इस हुनर का इस्तेमाल किया है। पड़ौस की महिलाओं को बाजार से सस्ती दरों पर उसने यह ड्रेस बनाकर देने का काम शुरू किया है।
इधर, जवाहरनगर सैक्टर तीन में मंजू शर्मा ने अपनी टीचिंग काम को ऑनलाइन शुरू किया है। मोबाइल फोन पर वीडियो कॉलिंग के माध्यम से कई छात्राओं को कोचिंग करवा रही है। शर्मा का कहना है कि इस काम से घर में टाइम पास भी होता है और छात्राओं को भी आगामी विश्वविद्यालय परीक्षाओं की तैयारी करने में आसानी रहती है। यह काम उसने फ्री में कर रखा है। किसी भी छात्रा से वह कोई शुल्क नहीं ले रही है। छात्राएं भी अपने घर पर बैठकर अपनी पढ़ाई में आने वाली अड़चन को दूर करती है।
इसी तरह फूसेवाला गांव में युवती कंचन ने अपनी मां के साथ सिलाई का काम शुरू किया है। कंचन ने परिवारिक सदस्यों के अलावा गांव की महिलाओं के लिए यह सिलाई केन्द्र खोला है।
इसी तरह फूसेवाला गांव में युवती कंचन ने अपनी मां के साथ सिलाई का काम शुरू किया है। कंचन ने परिवारिक सदस्यों के अलावा गांव की महिलाओं के लिए यह सिलाई केन्द्र खोला है।
घर पर मां बेटी के इस काम को देखते हुए पडौस से भी सिलाई करवाने के लिए महिलाएं आने लगी है। साथिन बिरमा देवी का कहना है कि स्वरोजगार की दिशा में यह उचित कदम है।