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कार्यवाहक के भरोसे हो रहा विकास

locationश्री गंगानगरPublished: Dec 16, 2017 09:43:32 pm

Submitted by:

vikas meel

– जिले की 9 में से 4 पंचायत समितियों में बीडीओ के पद खाली- श्रीकरणपुर पंचायत समिति दो साल से एईएन के हवाले
 

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श्रीगंगानगर-श्रीकरणपुर.

राज्य सरकार अपने कार्यकाल के चार साल के कार्यकाल में उपलब्धियों का गुणगान कर रही है, वहीं जिले की 9 में से 4 पंचायत समितियां कार्यवाहक अधिकारियों के बलबूते पर विकास कराने को मजबूर है। इलाके में सबसे ज्यादा बजट पंचायतराज विभाग में खर्च होता है, ऐसे में कार्यवाहक विकास अधिकारियों के पदस्थापित होने से विकास की गति धीमी हो गई है। यहां तक कि राज्य के मंत्रिमंडल में केबिनेट मंत्री के गृह क्षेत्र श्रीकरणपुर विधानसभा की पंचायत समिति भी ‘कार्यवाहक’ कर्मचारी के भरोसे हो, यह समझ से परे है।

 

श्रीकरणपुर पंंचायत समिति में दो साल से विकास अधिकारी का पद खाली है और मजे की बात है कि जिला परिषद के एक एईएन को यह पद संभाल रखा है। यही हाल जिला मुख्यालय पर श्रीगंगानगर पंचायत समिति का है, यहां भी पंचायत प्रसार अधिकारी को विकास अधिकारी की जिम्मेदारी देकर काम चलाया जा रहा है। घड़साना और श्रीविजयनगर में भी एईएन को जिम्मेदार अधिकारी बना रखा है। ऐसे अभियंताओं से फील्ड में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता देखने का काम नहीं लिया जा रहा है। जब खुद ही मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु बन जाएं तो प्रसाद तो अपने चेहतों को मिलेगा ही।


दाल में कुछ काला तो नहीं?

एक तरफ श्रीकरणपुर के विधायक व खान राज्यमंत्री सुरेन्द्रपालसिंह टीटी क्षेत्र में करोड़ों रुपए के ‘विकास’ का दावा करते हैं और दूसरी तरफ विकास का जिम्मा संभाल रहे कार्यालय में प्रशासनिक अधिकारी की जगह एक एईएन का बैठना हैरानी भरा है। जनप्रतिनिधियों से लेकर आमजन में भी यह बात चर्चा का विषय है। लोगों का मानना है कि राज्यमंत्री के विधानसभा मुख्यालय की पंचायत समिति पर लंबे समय से एक प्रशासनिक अधिकारी का नहीं होने का मतलब दाल में कुछ ‘काला’ है।


साहब यहां…मगर हाजिरी कहां ?

विभागीय कार्मिकों से मिली जानकारी के अनुसार श्रीकरणपुर विकास अधिकारी के पद पर प्रतिनियुक्त एईएन की उपस्थिति भी यहां नहीं लगती है और ना ही उनकी सैलेरी यहां से उठती है। लेकिन उनकी हाजिरी कहां लगती है इस संबंध में भी किसी को जानकारी नहीं है। उधर, पंचायत समिति के ही एक पूर्व कार्मिक का कहना था कि जिला परिषद के प्रतिनियुक्त इस एईएन के खिलाफ दो आरोपों में जांच भी चल रही है। फिर भी उन्हें मूल पद से उच्च यानि विकास अधिकारी पद पर प्रतिनियुक्त कर रखा है। गौरतलब है कि 18 नवंबर 2015 में तत्कालीन बीडीओ अदित्यासिंह मेहरा व एक अन्य ग्राम सेवक को हटाने की मांग को लेकर सरपंचों ने पंचायत समिति के बाहर धरना लगा दिया था। मामले में करीब एक सप्ताह तक चले आंदोलन के बाद बीडीओ को एपीओ किया गया और ग्राम सेवक को अन्यत्र स्थानातंरित किया गया। इस दौरान 26 नवंबर 2015 को एईएन सुखमिंदर सिंह को यहां बीडीओ लगाया गया था।


होना चाहिए सक्षम अधिकारी.

.’राज्यमंत्री के विधानसभा मुख्यालय की पंचायत समिति पर दो साल बाद भी सक्षम प्रशासनिक अधिकारी नहीं है। एक अधीनस्थ कर्मचारी को बीडीओ जैसे महत्वपूर्ण पद पर बिठाने से कार्य प्रभावित होता है। कई बार विवाद की स्थितियां भी बनी हैं। बीडीओ जैसे महत्वपूर्ण पद पर सक्षम अधिकारी ही होना चाहिए।
अमृतपालकौर बराड़ प्रधान पंचायत समिति श्रीकरणपुर।


इसी महीने भरे जाएंगे खाली पद

यह सही है कि जिले की नौ में से चार पंचायत समितियों में पद खाली है। कई विभागों से कार्मिकों को विकास अधिकारी बनाने के लिए जयपुर में साक्षात्कार हो चुके हंै, यह प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। उम्मीद है कि इस महीने में ही खाली पड़े बीडीओ के पदों को भरा जाएगा।
– विश्राम मीणा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद

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