scriptSriGanganagar #janmashtami पाक से आए हिन्दूओं के लिए संकट मोचक साबित हुआ यशोदा का लाल | Yashoda's Lal proved to be a troubleshooter for Hindus from Pakistan | Patrika News

SriGanganagar #janmashtami पाक से आए हिन्दूओं के लिए संकट मोचक साबित हुआ यशोदा का लाल

locationश्री गंगानगरPublished: Aug 19, 2022 05:06:42 pm

Submitted by:

surender ojha

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SriGanganagar #janmashtami पाक से आए हिन्दूओं के लिए संकट मोचक साबित हुआ यशोदा का लाल

श्रींगानगर. भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान से आए विस्थापितों ने पुरानी आबादी के मौजूदा वार्ड 14 में डेरा जमाया तो एक कच्चे कमरे में भगवान श्रीकृष्ण की आराधना के लिए मंदिर बनवाया। समय के साथ मंदिर का स्वरूप भी बदल गया। इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण और राधा की प्रतिमा स्थापित हैं। पुरानी आबादी के कृष्णा मंदिर की पहचान पूरे इलाके में बनी हुई है।
बहावलपुरी और अरोड़ा बिरादरी के साथ अलग- अलग जातियों के लोग भी इस मंदिर में आने लगे तो उनकी भावनाओं के अनुरूप मंदिर परिसर में बाबा रामदेव, माता शेरांवाली, सांईनाथ, गणपति महाराज, शिव दरबार, राम दरबार भी बनवाए गए। मंदिर की प्रबंध समिति का गठन कर वहां हर साल जन्माष्टमी पर्व मनाने का दौर शुरू कराया।
मंदिर को बनाने में मुख्य रूप से जेठाराम धींगड़ा, बल्लूराम कामरा, श्यामदास धींगड़ा, पंडित रूपचंद मुल्तानी लक्ष्मणदास कामरा, प्रभुदयाल उतरेजा, दौलतराम मनचंदा, रूपचंद कटारिया, प्रीतमदास सिडाना, भगवानदास कालड़ा आदि का विशेष योगदान रहा। अब युवा पीढ़ी मंदिर की व्यवस्थाओं को देख रही है।
पुरानी आबादी के कृष्ण मंदिर चौक पर स्थापित इस मंदिर के आसपास कई परिवार सिंधी समाज से भी थे। वे चाहते थे कि मंदिर में झूलेलाल की प्रतिमा लगे। इन परिवारों की भावनाओं का सम्मान करते हुए झूलेलाल वरुणदेव महाराज जिसे अमरलाल महाराज भी कहते हैं, की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। आसपास की महिलाएं मंदिर परिसर में दोपहर के समय संकीर्तन करने लगी तो माता शेरांवाली की प्रतिमा भी स्थापित कराई गई।
मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष जगदीश सिडाना का कहना है कि भारत-पाक विभाजन के बाद काफी लोग हरियाणा के कुरूक्षेत्र में लगाए गए शरणार्थी कैम्पों में गए थे। वहां से यहां श्रीगंगानगर के रामनगर भिजवा दिया गया।
पुरानी आबादी एरिया को पहले रामनगर के नाम से बोला जाता था। सरकार के आदेश पर पाक से आए हिन्दू विस्थापितों को श्रीगंगानगर के आसपास गांव कालियां, खाटलबाना, खाटसजवार, कोनी, मंदेरां, रोहिड़वाली, दौलतपुरा, धालेवाला, बींझबायला, 10 जैड, 6 जैड आदि ग्रामीण एरिया में बस गए। कई परिवार जरूरतमंद अधिक थे उन्होंने खेती की बजाय फेरी लगाकर दुकानदारी शुरू की। इस कारण रामनगर में पाक विस्थापितों ने यह मंदिर निर्माण कराया।

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