आप ही बताओ किस मुंह से मांगेंगे वोट
श्री गंगानगरPublished: Sep 08, 2023 10:58:17 pm
You tell me from which mouth you will ask for votes.- जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में डायरेक्टरों को फूटा गुस्सा


आप ही बताओ किस मुंह से मांगेंगे वोट
श्रीगंगानगर। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में हंगामा और शोर शराबा के बीच अफसरों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। जिला परिषद सभागार में हुई इस बैठक में जिला परिषद सदस्यों ने सवाल उठाया कि किसान हितों के लिए हमने गांव गांव जाकर खेती के लिए डिग्गी निर्माण योजना के संबंध में आवेदन भरवाए थे लेकिन अब जिले के जिम्मेदार अधिकारी ऐसी योजना में अनुसूचित जाति को ही लाभाविंत होने की बात कहकर जातिगत भेदभाव का माहौल बनाने का प्रयास कर रहे है। यह कतई सहन नहीं किया जाएगा। यह सवाल जिला परिषद डायरेक्टर रिछपाल रोझ ने उठाया तो सभी डायरेक्टर्स लामबंद हो गए। अधिकारियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव की बात कही तो जिला प्रमुख कुलदीप इंदौरा ने यू टर्न लेते हुए सीइओ से पूरे प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिए। लेकिन डायरेक्टरों ने सदन में ख़ड़े हो गए और बोले कि तत्कालीन कलक्टर ने ग्राम सभाओं में जाकर फार्म तक भरवाए थे और दावा किया था कि डिग्गी निर्माण की सहायता राशि तत्काल दी जाएगी। चुनाव का समय आया तो अब अधिकारी ही अपनी जुबान फेर रहे हैं। हंगामा होने पर श्रीकरणपुर विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर का कहना था कि अधिकारियों को पहले नियम कायदों के बारे में साफ साफ बात कहनी चाहिए थी, अब यह नौबत क्यों आई हैं। चुनाव में जनप्रतिनिधि वोट लेने किस मुंह से जाएंगे।
मीटिंग के दौरान सदस्यों ने सवाल उठाया कि एक ओर राज्य के सीएम गहलोत ने एक सौ दिन मनरेगा कार्य किए जाने पर श्रमिक को पच्चीस दिन की एक्ट्रा दिहाड़ी देने की घोषणा की थी, एक सौ दिन कार्य करने वाले पूरे जिले में कितने श्रमिक हैं। इसका जवाब सुनकर सीइओ मुहम्मद जुनैद ने जवाब दिया कि पूरे जिले में 296 श्रमिक हैं। इसमें सूरतगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र में सिर्फ 11 श्रमिक हैं जबकि श्रीकरणपुर क्षेत्र 47 श्रमिक हैं। जिला प्रमुख और श्रीकरणपुर विधायक ने इतने कमजोर आंकड़े को लेकर नाराजगी जताई तो सीइओ का कहना था कि इस संबंध में यह चूक पंचायत समिति के बीडीओ के स्तर पर रही हैं। संबंधित बीडीओ से जवाब तलब किया जाएगा। यह सुनकर कई सदस्य बार बार बोलने लगे कि सरकारी जवाब कब तक सुनते रहेंगे।