अधिवक्ता उमेशकांत सोनी ने संगोष्ठी की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि मतदान के माध्यम से देश को बदलने के लिए निडर, फौलादी, अगुवा नेतृत्व की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पैसे और शराब के बल पर चुनाव जीतना स्वच्छ राजनीति पर कलंक है। राजनीति को जातिवाद से दूर रखकर स्वच्छ राजनीतिक व्यवस्था को अपनाया जा सकता है।
अधिवक्ता वेदप्रकाश ठंडी ने कहा कि पत्रिका चेंजमेकर व स्वच्छ राजनीति मिशन में शामिल होकर मौलिक विचारधारा के लोगों को आगे आना चाहिए तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। संगोष्ठी को बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने भी संबोधित किया।