महाराष्ट्र में 300 किसान कर चुके आत्महत्या
Published: May 13, 2015 03:38:00 am
कृषि प्रधान भारतवर्ष में धरतीपुत्र पर क्या बीत रही है, यह अलग-अलग राज्यों से आ रही आत्महत्या की खबरों से जाहिर हो रहा है। राज के साथ-साथ राम भी उनसे रूठा हुआ है। इस वजह से दूसरों का पेट पालने वाला किसान खुद भूखे मरने के कगार पर है और अपनी जान देने पर तुला है।
कृषि प्रधान भारतवर्ष में धरतीपुत्र पर क्या बीत रही है, यह अलग-अलग राज्यों से आ रही आत्महत्या की खबरों से जाहिर हो रहा है। राज के साथ-साथ राम भी उनसे रूठा हुआ है। इस वजह से दूसरों का पेट पालने वाला किसान खुद भूखे मरने के कगार पर है और अपनी जान देने पर तुला है।
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में बेमौसम बरसात, ओले गिरने, ऋण से परेशान और लगातार सूखे जैसे कारणों से इस वर्ष 300 किसानों ने आत्महत्या कर ली।
औरंगाबाद मंडल आयुक्तालय के आधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि मराठवाड़ा के 8 जिलों में 300 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। सूखे से सबसे अधिक प्रभावित जिला बीड में 83, नांदेड में 55, उस्मानाबाद में 50, औरंगाबाद में 46, परभणी में 22, जालना और ङ्क्षहगोली में 13-13 किसानों ने आत्महत्या की है।
300 में से 187 मामले क्षतिपूर्ति के योग्य पाए गए और 124 मामलों में क्षतिपूर्ति की गई जबकि 44 मामलों को अधिकारियों ने खारिज कर दिया। 69 मामले अभी भी लंबित हैं। पिछले वर्ष मराठवाड़ा में ऋण और फसल के नुकसान से परेशान कुल 551 किसानों ने आत्महत्या कर ली थी।