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अपोलो में भर्ती कराने से पहले जयललिता को दिया गया था धक्का: एआईएडीएमके नेता

Published: Mar 02, 2017 07:41:00 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

तमिलनाडु विधानसभा के पूर्व स्पीकर पी. एच. पांडियन ने दावा किया है कि दिवंगत जे. जयललिता को अपोलो अस्पताल में दाखिल कराने से पहले किसी ने धक्का मारा था। फिर किसी पुलिसकर्मी ने एम्बुलेंस बुलाई और उनको अपोलो अस्पताल ले जाया गया।

Jayalalithaa

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 तमिलनाडु विधानसभा के पूर्व स्पीकर पी. एच. पांडियन ने दावा किया है कि दिवंगत जे. जयललिता को अपोलो अस्पताल में दाखिल कराने से पहले किसी ने धक्का मारा था। फिर किसी पुलिसकर्मी ने एम्बुलेंस बुलाई और उनको अपोलो अस्पताल ले जाया गया। जयललिता का अपोलो में 75 दिन इलाज चला था। उनको 22 सितम्बर को भर्ती कराया गया था जबकि उनका निधन 5 दिसम्बर को हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री और बागी एआईएडीएमके नेता ओ. पन्नीरसेल्वम के करीबी पी. एच. पांडियन ने अपने अधिवक्ता पुत्र मनोज पांडियन के साथ गुरुवार को संयुक्त रूप से संवाददाताओं को संबोधित किया। उन्होंने जयललिता के उपचार लेकर कई संदेह जताए।
पांडियन ने पूछा, जब जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराने लाया गया तो वहां लगे सभी 27 सीसीटीवी कैमरे क्यों हटा दिए गए? उन कैमरों को हटाने का आदेश किसका था? उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से अनुरोध किया कि वह तत्काल वह सीसीटीवी फुटेज जारी करे जब जयललिता को भर्ती कराने के लिए लाया गया। पिता-पुत्र ने अस्पताल में उनको दिए गए भोजन का विवरण भी मांगा।
पांडियन ने कहा कि तंजावुर, तिरुपरमकुंड्रम और अरवाकुरिची सीटों के चुनाव के लिए जिस डॉक्टर ने जयललिता के अंगूठे के निशान लिए थे, उससे भी पूछताछ की जाए। जयललिता के गाल पर बने चार छेदों के रहस्य से भी पर्दा हटाया जाना चाहिए। 
उनकी मानें तो जयललिता को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाने के लिए विशेष विमान तैयार खड़ा था लेकिन किसी ने उस उड़ान को रोक दिया। बागी नेताओं ने सीबीआई जांच की मांग दोहराते हुए कहा कि हम नाजुक मोड़ पर पहुंच चुके हैं और हमें जल्द ही पता चल जाएगा कि जयललिता की मौत का जिम्मेदार शख्स कौन है।

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