याचिका में हार्ट के मरीजों के इलाज के रिकार्ड के आधार पर आरोप लगाया गया है कि हार्ट के तीन मरीजों में एक मरीज को डॉक्टर बगैर जरुरत के इंस्टंट डाल देते हैं। जिसका मरीज के शरीर पर गलत प्रभाव पड़ता है। वहीं हार्ट अटैक की भी संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि डॉक्टर ऐसा अपनी इनकम बढ़ाने और इंस्टंट बनाने वाली कम्पनियों से मिलने वाले इंसेन्टिव के लालच में करते हैं। बनाये जाने की मांग की गई है। कोर्ट ने मामले से जुड़े पक्षकारों से 10 जुलाई तक जवाब मांगा है।