दरअसल पूरा मामला कोतवाली थाना क्षेत्र बुढ़ाना गेट चैकी का है। जहां की चौकी इंचार्ज अमृता सिंह यादव है। गाजियाबाद के मोदीनगर के रहने वाले समीर की पत्नी ने कोर्ट के जरिए पति पर दहेज उत्पीड़न, दुष्कर्म समेत कई मामले दर्ज कराए थे। और केस की फाइल अमृता सिंह को सौंपी गई थी।
महिला दरोगा पर आरोप है कि समीर का नाम दहेज के एक केस से हटवाने के लिए उससे 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। समीर पर धारा 376 और 377 के तहत केस दर्ज है। जिसे हटाने के लिए वह दरोगा को 20 रुपए रिश्वत देने पहुंचा था। जिसे वह अमृता सिंह को दे रहा था।
वहीं इस बात की भनक एंटी करप्शन टीम को पहले हो गई थी। जिसके बाद मौके पर एंटी करप्शन टीम ने जिला प्रशासन की तरफ मजिस्ट्रेट के रूप में प्रधान सहायक राकेश भटनागर व सुरेश शर्मा को साथ लेकर छापेमारी कर महिला दरोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार महिला दरोगा पर केस दर्ज कर कार्यवाई की जा रही है।
गौरतलब है कि महिला दरोगा अमृता सिंह इससे पहले भी विवादों के कारण तत्कालीन एसएसपी द्वारा लाईन हाजिर भी हो चुकी हैं। मामले में अमृता सिंह द्वारा 1 लाख रुपए मांगे जाने के बाद समीर एंटी करप्शन टीम से मिला और शिकायत की। जिसके बाद मामला की गंभीरता को देखते हुए एंटी करप्शन ने दरोगा को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।